सीजी भास्कर, 14 नवंबर । स्व. श्री लखीराम अग्रवाल स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध संत बाबा गुरु घासीदास जी स्मृति शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ लगातार अपनी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए प्रयास करते हुए मरीज को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान कर रही है। इस कड़ी में कान, नाक, गला विभाग (Tumor Surgery) द्वारा अधिष्ठाता डॉ. विनीत जैन एवं अस्पताल अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार मिंज के मार्गदर्शन में डेढ़ दशक से गले की बढ़ती गांठ से परेशान महिला का सफल ऑपरेशन किया गया।
महिला पिछले 15 साल से गले की बढ़ती गांठ से परेशान थी। कई जगह इलाज कराया लेकिन कोई राहत नहीं मिली। कई बार उसे ऑपरेशन की सलाह दी गई, लेकिन डर के कारण उसने इलाज नहीं कराया और इस दौरान बीमारी बढ़ती गई और गले का ट्यूमर विशाल आकार ले चुका था (Tumor Surgery)। महिला ऐसी जटिल स्थिति में पहुँच गई कि ट्यूमर उसकी सांस लेने की नली और खाद्य नली को दबाने लगा था।
कई डॉक्टरों ने ऑपरेशन में आवाज परिवर्तन होने और खाद्य नली को चोट लगने का खतरा बताया, जिससे वह ऑपरेशन कराने से डरती रही। कई जगह के इलाज से निराश होकर अंततः वह मेडिकल कॉलेज रायगढ़ पहुँची ।
ईएनटी विभाग की विशेषज्ञ डॉ. नीलम नायक ने प्राथमिक जांच की और इलाज का तरीका बताया। विशेषज्ञ टीम ने उसकी सभी शंकाएँ दूर कीं और फिर महिला ऑपरेशन के लिए तैयार हुई। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने आवाज और खाद्य नली को सुरक्षित रखते हुए ट्यूमर को बाहर निकालने में सफलता पाई। महिला के गले का ट्यूमर 12 सेंटीमीटर आकार का था।
ऑपरेशन के बाद कुछ दिनों तक रोगी को आईसीयू में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया, जहाँ निश्चेतना विभाग, डाइटीशियन और नर्सेज़ का सतत सहयोग रहा। अंततः रोगी पूरी तरह स्वस्थ होकर डिस्चार्ज कर दी गई।
इस बीमारी में गॉयटर (गलगंड) यानी थायरॉयड ग्रंथि का बढ़ना शामिल है। यह गर्दन में सूजन के रूप में दिखता है। आयोडीन की कमी इसका प्रमुख कारण है। लक्षणों में गर्दन में सूजन, निगलने में कठिनाई और सांस लेने में परेशानी शामिल है। उपचार आयोडीन की कमी दूर करने, थायरॉयड हार्मोन थेरेपी या आवश्यकता पड़ने पर सर्जरी द्वारा किया जाता है।
