सीजी भास्कर, 12 मार्च |
रायपुर में चेकिंग के दौरान पुलिस ने इनोवा कार से 1 करोड़ 66 लाख रुपए कैश बरामद किया है। रकम कार के एक सीक्रेट चेंबर में छिपाकर रखा गया था। कार का नंबर 23 BH 8886 है। गाड़ी में 500 के ढाई-ढाई लाख रुपए के 65 बंडल थे। इसके अलावा 100 और 200 रुपए की गड्डियां थी। पुलिस को शक है कि ये रकम हवाला या सट्टे की हो सकती है। इसकी जांच जारी है। मामला आमानाका थाना क्षेत्र का है।
पुलिस ने 2 आरोपियों के भी गिरफ्तार किया है। मंगलवार देर रात रूटीन चेकिंग के दौरान आमानाका थाना पुलिस ने एक कार को रुकवाकर जांच की थी। इसे कौन लेकर आ रहा था, कहां लेकर जा रहा था, इस संबंध में पूछताछ की जा रही है।
पुलिस करेगी जल्द खुलासा
पुलिस ने कार के चालक और उसके एक साथी को पकड़ा है। अब तक हुई पूछताछ में इन्होंने बताया कि उन्हें सिर्फ नागपुर के पास गाड़ी बदलने के लिए कहा गया था। गाड़ी में कैश रखा है ये बात उन्हें नहीं पता थी।
आजाद चौक सब डिवीजन के सीएसपी आईपीएस अमन झा ने कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि जल्द ही पुलिस इस केस में खुलासा करेगी। दोनों युवक आगरा उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं।
कार में पीछे की सीट के नीचे था खुफिया चेंबर
ड्राइवर ने कहा कि गाड़ी पूरी खाली है। जब पुलिस ने गाड़ी की चेकिंग की तो उसमें कोई सामान नहीं था। लेकिन पुलिस का शक बढ़ा। तो पुलिसकर्मियों ने गाड़ी की बारीकी से जांच की। तो पीछे की सीट के नीचे खुफिया चेंबर बना हुआ था। इस चेंबर में सुरक्षा के लिए लिहाज से लॉक भी लगा हुआ था। पुलिस ने लॉक को तोड़कर देखा तो उसके भीतर नोटों की गड्डियां भरी हुई थी।
ड्राइवर बोला- सैलरी और डीजल मिलता है, मालिक का पता नहीं
कार्रवाई के दौरान CSP आजाद चौक अमन झा अपनी टीम के साथ मौजूद थे। जब उन्होंने ड्राइवर से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। उसे नहीं पता कि यह पैसे किसके हैं। उसे करीब 13 हजार रुपए सैलरी और 30 रुपए किलोमीटर के हिसाब से डीजल का पैसा मिलता है।
वॉट्सऐप कॉल पर होती थी गाड़ी छोड़ने की बात
ड्राइवर के मुताबिक, उसे वॉट्सऐप कॉल पर बताया जाता है, कि गाड़ी को कहां छोड़ना है। कभी-कभी दूसरे शहर पहुंचने के बाद उसे तीसरे शहर जाने के लिए कह दिया जाता है। शुरुआत में यह साफ नहीं किया जाता कि गाड़ी को कहां और किसके पास लेकर जाना है। बीच में कई बार ड्राइवर भी बदल दिए जाते हैं।
पुलिस आयकर विभाग को सौंपेगी रकम
फिलहाल पुलिस ने रुपयों और गाड़ी को सीज कर लिया है। रकम को इनकम टैक्स विभाग को सौंपेगी। आयकर विभाग अब इस मामले में यह पता लगाएगी कि, यह पैसे किसके हैं, कहां से आ रहे थे और कहां जा रहे थे। फिलहाल अब तक पुलिस के पास पैसों का कोई दावेदार नहीं आया है।