गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, 4 अगस्त 2025:
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक द्वारा आयोजित 12 दिवसीय ‘पर्यटक सुविधाकर्ता प्रशिक्षण कार्यशाला’ का आज भव्य समापन हुआ। यह कार्यशाला विशेष रूप से जीपीएम जिले की पर्यटन समितियों और युवाओं के लिए डिज़ाइन की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य था— स्थानीय प्रतिभाओं को रोजगारपरक टूरिज्म स्किल्स से लैस करना।
स्थानीय युवाओं को मिला व्यावसायिक प्रशिक्षण का सुनहरा अवसर
इस वर्कशॉप के माध्यम से युवाओं को गाइडिंग, होस्पिटैलिटी, आपदा प्रबंधन, सांस्कृतिक प्रस्तुतीकरण और IT ट्रैकिंग जैसे विषयों में प्रशिक्षित किया गया। ट्रेनिंग के पहले 6 दिन आवासीय रहे, जबकि अगले 6 दिन फील्ड एक्टिविटी आधारित थे। इस तरह युवाओं को थ्योरी और प्रैक्टिकल, दोनों ही स्तरों पर दक्षता हासिल हुई।
मुख्य अतिथि अखिलेश नामदेव ने कही अहम बात
समापन समारोह में जिला स्तरीय पर्यटन समिति के सदस्य अखिलेश नामदेव ने शिरकत की। उन्होंने कहा,
“यह प्रशिक्षण जीपीएम जिले के उभरते पर्यटन स्थलों को नई पहचान देगा। यहां के युवा अब गाइडिंग जैसे पेशेवर कार्यों में सक्षम होंगे।”
कलेक्टर के विजन पर चल रहा है काम
कार्यक्रम में जिला मिशन प्रबंधक दुर्गा शंकर सोनी ने बताया कि
“कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मांडवी के नेतृत्व में जीपीएम में टूरिज्म को इंडस्ट्री के रूप में डेवलप किया जा रहा है। यह वर्कशॉप उसी दिशा में एक ठोस कदम है।”
विश्वविद्यालय ने निभाई अग्रणी भूमिका
पर्यटन प्रबंधन विभागाध्यक्ष डॉ. प्रशांत कुमार सिंह ने साझा किया कि
“सीमित शैक्षणिक पृष्ठभूमि के बावजूद युवाओं ने जबरदस्त उत्साह और समर्पण दिखाया। उनके अंदर पर्यटन क्षेत्र में काम करने की ललक साफ झलक रही थी।”
डॉ. सिंह के मुताबिक, ट्रेनिंग में स्थानीय उत्पादों का प्रमोशन, सांस्कृतिक विरासत की प्रस्तुति, व्यवहार कौशल और इमरजेंसी मैनेजमेंट जैसे विषयों को भी शामिल किया गया था।
आगे क्या होगा?
विश्वविद्यालय की ओर से बताया गया कि भविष्य में इन प्रतिभागियों के साथ लगातार संपर्क और मार्गदर्शन बनाए रखा जाएगा, ताकि वे अपने क्षेत्र के पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकें।
कौन-कौन रहा शामिल?
समापन समारोह में डॉ. जयप्रकाश नारायण, डॉ. केशव सिंह राठौर, डॉ. अनिल कुमार टम्टा सहित विश्वविद्यालय के शिक्षकगण और सभी प्रशिक्षु उपस्थित रहे। अतिथियों को सम्मान स्वरूप शाल और स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।