सक्ती। सावन माह के अंतिम सोमवार को सक्ती जिले में एक विशेष धार्मिक आयोजन देखने को मिला, जब 35 परिवारों ने हिंदू धर्म में विधिवत वापसी की। यह ऐतिहासिक पल जोबा आश्रम में संपन्न हुआ, जहां 3100 पार्थिव शिवलिंगों की पूजा-अर्चना के साथ ‘घर वापसी’ का यह समारोह आयोजित किया गया।
विधिवत पूजन के बाद हुई धर्म में वापसी
धर्म सेना, जिला सक्ती के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत 3100 पार्थिव शिवलिंगों की विधिपूर्वक पूजा से हुई। मंत्रोच्चार, वैदिक विधियों और धार्मिक अनुष्ठानों के बीच उपस्थित अतिथियों की मौजूदगी में घर वापसी कार्यक्रम संपन्न हुआ।
विशेष बात यह रही कि प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, जो घर वापसी अभियान के प्रमुख चेहरा माने जाते हैं, उन्होंने खुद सभी परिवारों के पैर धोकर उन्हें सम्मानपूर्वक हिंदू धर्म में पुनः स्थापित किया।
“आप सभी जब भी पुकारेंगे, मैं साथ खड़ा मिलूंगा” – प्रबल प्रताप सिंह जूदेव
इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने धर्म सेना की टीम को बधाई देते हुए कहा,
“जो भाई-बहन किसी कारणवश मार्ग से भटक गए हैं, उन्हें वापस लाने का यह कार्य बहुत पुनीत है। मैं इस कार्य में हर बार, हर स्थिति में आप सबके साथ खड़ा रहूंगा।”
मंच पर रहे कई संत और सामाजिक प्रतिनिधि
इस आयोजन में कई प्रमुख धार्मिक और सामाजिक व्यक्तित्व उपस्थित रहे:
- साध्वी प्रज्ञा भारती
- ऊं महाराज, जोबा आश्रम
- आचार्य राकेश, प्रांत प्रचारक, विश्व हिंदू परिषद
- राजा धर्मेंद्र सिंह
- जिला पंचायत सभापति आयुष शर्मा
- दीपक गुप्ता, अंजू गबेल, कृष्णा महाराज
कार्यक्रम का संचालन रूपेंद्र गबेल ने किया।
कार्यक्रम का महत्व
- सावन जैसे पवित्र महीने में यह आयोजन विशेष धार्मिक ऊर्जा और सामाजिक संदेश लेकर आया।
- यह आयोजन न केवल धार्मिक पुनर्संस्कार था, बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक पहचान की पुनर्स्थापना का प्रतीक भी बना।