रायपुर | 29 जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ में हुए बहुचर्चित CGMSC रिऐजेंट घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ताजा कार्रवाई ने फिर एक बार राज्य की राजनीति और स्वास्थ्य तंत्र को हिला कर रख दिया है। बुधवार को ED ने इस घोटाले से जुड़ी कंपनी मोक्षित कॉर्पोरेशन के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।
सूत्रों के मुताबिक, यह छापेमारी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) में 411 करोड़ रुपये से अधिक की दवा खरीदी में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच के तहत की गई है।
किसके घर पड़े छापे?
ईडी की टीम ने मोक्षित कॉर्पोरेशन से जुड़े तकनीकी महाप्रबंधक कमलकांत पाटनवार के रायपुर स्थित भाटागांव निवास समेत कई ठिकानों पर रेड मारी है। साथ ही अन्य अधिकारियों और सप्लायर्स से भी पूछताछ की जा रही है।
2023 में सामने आया था ये बड़ा घोटाला
यह पूरा मामला 2023 में उजागर हुआ था, जब यह सामने आया कि CGMSC और DHS (स्वास्थ्य संचालनालय) के अधिकारियों ने दवाओं और मेडिकल उपकरणों की खरीद में कई गुना ज्यादा कीमतें तय कर मोटा कमीशन लिया।
अब तक किन-किन पर गिरी गाज?
इस घोटाले में पहले ही पांच बड़े अफसरों के नाम सामने आ चुके हैं:
- वसंत कौशिक (महाप्रबंधक)
- डॉ. अनिल परसाई (डिप्टी डायरेक्टर, हेल्थ डिपार्टमेंट)
- शिरौंद्र रावटिया
- कमलकांत पाटनवार
- दीपक बांधे
इन सभी को पहले ईओडब्ल्यू (EOW) की सात दिन की रिमांड पर भेजा गया था। अब ईडी की जांच और गहराई तक जा रही है।
कैसे हुआ था खेल?
जांच एजेंसियों की मानें तो दवाओं और उपकरणों की आपूर्ति में एक सुनियोजित साजिश रची गई थी। ठेके फिक्स कर लिए गए थे और बाज़ार मूल्य से कहीं अधिक कीमतों पर खरीदी दिखाकर करीब 500 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की गई।
मामला क्यों है अहम?
छत्तीसगढ़ में चुनावी माहौल और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर यह मामला एक बार फिर केंद्र में आ गया है। बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि आम जनता की सेहत से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।