न्यू जलपाईगुड़ी (पश्चिम बंगाल), 21 जुलाई 2025:
पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर एक ट्रेन में 56 लड़कियों को संदिग्ध हालात में पकड़ा गया, जिन्हें झूठे वादों के साथ नौकरी दिलाने के नाम पर बिहार ले जाया जा रहा था। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और टीटीई की सतर्कता से यह संभावित मानव तस्करी का मामला समय रहते पकड़ में आ गया।
कौन थीं ये लड़कियां और कहां जा रही थीं?
जानकारी के अनुसार, सभी लड़कियां जलपाईगुड़ी, कूचबिहार और अलीपुरद्वार जिलों से हैं, जिनकी उम्र 18 से 31 वर्ष के बीच बताई जा रही है। एक महिला और एक युवक उन्हें नौकरी दिलाने के नाम पर ट्रेन में बिठाकर बिहार की ओर रवाना कर चुके थे, लेकिन असलियत कुछ और थी।
टिकट नहीं, बस मुहर वाले हाथ – शक गहराया
न्यू जलपाईगुड़ी-पटना कैपिटल एक्सप्रेस में सवार इन युवतियों के पास कोई वैध टिकट नहीं था, बस कोच और सीट नंबर की मुहर उनके हाथों पर लगी थी, जो RPF को असामान्य लगी। जब पूछताछ की गई, तो लड़कियों को ले जा रहे दोनों व्यक्ति संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
पूछताछ में खुला फर्जीवाड़ा
जब अधिकारियों ने सवाल किया कि अगर बेंगलुरु में नौकरी दिलानी थी, तो बिहार क्यों ले जाया जा रहा है, तो आरोपी अलग-अलग कहानियां बताने लगे। ना कोई ऑफर लेटर, ना कोई पहचान पत्र — कुछ भी नहीं था उनके पास।
दोनों गिरफ्तार, लड़कियां परिजनों के सुपुर्द
RPF और जीआरपी ने महिला और युवक को मौके पर ही हिरासत में ले लिया और लड़कियों को तत्काल सुरक्षित उनके परिवारों को सौंपा गया। फिलहाल, मानव तस्करी के एंगल से जांच जारी है। इस मामले में पुलिस ने कई धाराओं में केस दर्ज किया है।
यह घटना क्यों है खास?
- यह मामला एक संभावित मानव तस्करी रैकेट की शुरुआत हो सकता है, जो झूठे वादों के जरिए गरीब और अनजान लड़कियों को बहला रहा है।
- रेलवे की सतर्कता और TTE की जागरूकता ने 56 जिंदगियों को बचाया है, जो आगे चलकर गंभीर खतरे में पड़ सकती थीं।
- अब सरकार और सुरक्षा एजेंसियों पर दबाव है कि वे ऐसे रैकेट का पर्दाफाश करें और नौकरी के नाम पर होने वाले शोषण को रोके।