सीजी भास्कर 20 जुलाई
नई दिल्ली | 15 जुलाई 2025 |
आने वाले हफ्तों में भारत के टैक्स सिस्टम में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। 6 दशक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 को हटाकर सरकार एक नया और सरल Income Tax Bill 2025 पेश करने जा रही है। इस बिल को सोमवार को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में पेश किया जाएगा।
नए टैक्स कानून का उद्देश्य न केवल करदाताओं के लिए टैक्स को आसान बनाना है, बल्कि मुकदमेबाजी और जटिलताओं को भी कम करना है।
क्या है नया टैक्स बिल 2025?
- नया आयकर विधेयक पुराने कानून की तुलना में आधा आकार का होगा।
- 816 धाराओं की जगह अब सिर्फ 536 धाराएं रहेंगी।
- अधिनियम में अब 47 अध्याय की जगह 23 अध्याय होंगे।
- टेक्स्ट को आम नागरिकों की भाषा में लिखा गया है, जिससे समझना और पालन करना आसान हो जाएगा।
मुख्य बदलाव – आसान भाषा, कम शब्द
- पुराने कानून में 5.12 लाख शब्द थे, जबकि नए कानून में यह घटकर 2.6 लाख हो गए हैं।
- नए विधेयक में 57 टेबल शामिल किए गए हैं, जिससे TDS/TCS और अन्य टैक्स नियमों को समझना आसान होगा।
- 1,200 प्रावधान और 900 स्पष्टीकरण हटाए गए हैं, जिससे टैक्स फाइलिंग में समय बचेगा।
Assessment Year नहीं, अब आएगा Tax Year
नया बिल “Assessment Year” और “Previous Year” जैसे पुराने कॉन्सेप्ट्स को खत्म करके सीधे Tax Year की अवधारणा लाएगा। इसका मतलब, जिस वर्ष आय अर्जित हुई है, उसी वर्ष टैक्स भरना होगा। इससे पारदर्शिता और स्पष्टता दोनों बढ़ेंगी।
क्यों है ये बदलाव ऐतिहासिक?
- 1961 से अब तक टैक्स कानून में कई बार संशोधन हुए, लेकिन यह पहला मौका है जब सरकार पूरी तरह से एक नया टैक्स कानून ला रही है।
- इस विधेयक को 31 सदस्यीय संसदीय समिति ने गहन समीक्षा के बाद अंतिम रूप दिया है, जिसकी अध्यक्षता बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा कर रहे हैं।
इससे क्या बदलेगा टैक्सपेयर्स के लिए?
टैक्स भरना होगा आसान
विवाद होंगे कम
फॉर्म और प्रक्रियाएं होंगी डिजिटल
इनकम, निवेश और छूट की गणना होगी सरल