सीजी भास्कर, 28 जुलाई |
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रहने वालों के लिए बड़ी खबर है। शहर के अलग-अलग इलाकों में एक साथ 7 ओवरब्रिज बनाए जाने की योजना को हरी झंडी मिल चुकी है। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इसके लिए बजट भी तय कर लिया है और लक्ष्य रखा है – 1 साल में काम पूरा करना।
क्यों ज़रूरी हैं ये ओवरब्रिज?
रायपुर में रोजाना लाखों वाहन चलते हैं। सुबह-शाम घंटों तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहना आम बात हो गई है। PWD ने शहर के उन हिस्सों की पहचान की, जहां सबसे ज़्यादा जाम और हादसे होते हैं। अब इन्हीं पॉइंट्स पर फ्लाईओवर बनाकर ट्रैफिक को स्मूद करने की तैयारी है।
जानिए कहां-कहां बनेंगे नए ओवरब्रिज
कालीबाड़ी चौक से पुलिस लाइन गेट तक
- लंबाई: 1.5 किमी
- लागत: ₹50 करोड़
- दैनिक वाहन आवागमन: 35,000+
- स्थिति: सर्वे पूरा, बजट स्वीकृत
- सुबह 9:30 से 11:30 और शाम 5:30 से 7:30 बजे सबसे ज्यादा जाम
फुंडहर चौक से टेमरी की ओर
- लंबाई: 700 मीटर
- चौड़ाई: 17 मीटर
- लागत: ₹30 करोड़
- एयरपोर्ट जाने वाले यात्रियों को राहत
- स्थिति: सर्वे पूरा, बजट प्रस्ताव भेजा गया
अमलीडीह चौक से द्रोणाचार्य स्कूल (केनाल लिंकिंग रोड)
- लागत: ₹40 करोड़
- गाड़ियां रोज: 25,000+
- MMI चौक से द्रोणाचार्य चौक तक फ्लाईओवर बनेगा
- स्थिति: DPR तैयार, बजट स्वीकृति की प्रक्रिया में
गुढ़ियारी से एक्सप्रेस-वे तक
- शुक्रवारी बाजार से स्टेशन रोड होते हुए एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा
- सीधा कनेक्शन मिलेगा, ट्रैफिक का दबाव कम होगा
- स्थिति: योजना निर्माण जारी
मोवा – खालसा स्कूल से रिलायंस मार्ट तक
- लागत: ₹135 करोड़
- इलाके में ट्रैफिक बहुत ज़्यादा, ओवरब्रिज से भारी राहत
- स्थिति: काम प्रगति पर
भनपुरी चौक
- लागत: ₹40 करोड़
- वाहन दबाव: 50,000+ रोजाना
- स्थिति: प्रक्रिया में
खारुन नदी ब्रिज (रायपुर-पाटन लिंक)
- लागत: ₹60 करोड़
- वाहन आवागमन: 80,000 रोज
- शासन के पास प्रस्ताव लंबित
हर सड़क पर कम से कम 15-20 मिनट की बचत संभव
इन सभी ओवरब्रिजों के बनने के बाद रायपुर के हर बड़े एंट्री-एग्ज़िट पॉइंट पर ट्रैफिक का दबाव घटेगा। लोग जाम से बचेंगे, हादसे कम होंगे और सड़कें ज्यादा सुरक्षित बनेंगी। इसके अलावा शहर के प्रमुख बाजार, अस्पताल और रेलवे स्टेशन तक पहुंचना और भी आसान हो जाएगा।
PWD की बड़ी प्लानिंग – शहर का बदलेगा ट्रैफिक मैप
लोक निर्माण विभाग का कहना है कि राजधानी को अब स्मार्ट ट्रैफिक सिटी की तरह डेवलप किया जा रहा है। इस मास्टर प्लान के तहत न सिर्फ ब्रिज, बल्कि ट्रैफिक लाइट सिंक्रोनाइज़ेशन, रोड वाइडनिंग और फुटओवर ब्रिज जैसे प्रोजेक्ट्स भी प्रस्तावित हैं।
क्या बोले मंत्री?
PWD मंत्री अरुण साव ने कहा –
“रायपुर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान देने के लिए ट्रैफिक सिस्टम को दुरुस्त किया जा रहा है। आने वाले समय में रायपुर पूरे देश के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट का मॉडल बनेगा।”