आज के समय में डिग्रियों की वैल्यू कम होती जा रही है. एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, 83% इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स और 46% बिजनेस ग्रेजुएट्स को नौकरी या इंटर्नशिप का ऑफर नहीं मिल रहा है. दूसरी ओर, कंपनियां अब कॉलेज की प्रतिष्ठा को नजरअंदाज करते हुए स्किल्स को ज्यादा महत्व दे रही हैं.रिपोर्ट के अनुसार, 73% रिक्रूटर्स अब डिग्री की बजाय कैंडिडेट्स की स्किल्स पर फोकस कर रहे हैं. इससे उन युवाओं को फायदा मिल रहा है जो नए स्किल्स सीखने में रुचि रखते हैं और अपने हुनर को निखारने की कोशिश कर रहे हैं.
फ्रीलांसिंग और साइड हसल्स का ट्रेंडGenZ प्रोफेशनल्स में फ्रीलांसिंग और साइड हसल्स का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि 51% GenZ युवा एक्स्ट्रा इनकम के लिए फ्रीलांसिंग कर रहे हैं. बिजनेस स्कूल के स्टूडेंट्स में यह आंकड़ा 59% तक पहुंच गया है.जेंडर पे गैप की समस्याभले ही कुछ क्षेत्रों में वेतन में समानता देखी गई हो, लेकिन आर्ट्स और साइंस ग्रेजुएट्स के मामले में जेंडर पे गैप अब भी मौजूद है. दो में से एक महिला प्रोफेशनल को 6 LPA से कम का पैकेज मिल रहा है, जबकि पुरुष सहकर्मी इससे ज्यादा कमाते हैं.
हालांकि, B-School और E-School में वेतन में कोई बड़ा अंतर नहीं देखा गया.परफॉर्मेंस रिव्यू पर मतभेदवर्कप्लेस कल्चर में भी GenZ और रिक्रूटर्स के बीच मतभेद नजर आए. 77% युवा प्रोफेशनल्स चाहते हैं कि उनका परफॉर्मेंस रिव्यू हर महीने या प्रोजेक्ट बेस्ड हो, लेकिन 71% रिक्रूटर्स अब भी एनुअल या बाय-एनुअल रिव्यू को ही प्राथमिकता देते हैं.करियर चॉइस में बदलावरिपोर्ट के मुताबिक, इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स में अब ह्यूमन रिसोर्सेज (HR) जैसे सेक्टर को लेकर दिलचस्पी बढ़ रही है. वहीं, 2024 में एक चौथाई अंडरग्रेजुएट्स ने बिना वेतन वाली इंटर्नशिप की, जबकि 2023 में यह आंकड़ा एक-आठवां था.ड्रीम कंपनियां और नई पसंदटेक कंपनियां अब भी युवाओं की पहली पसंद बनी हुई हैं.
गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और अमेज़न इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स की टॉप चॉइस हैं, जबकि बिजनेस ग्रेजुएट्स के लिए गूगल, मैकिन्से और माइक्रोसॉफ्ट प्रमुख पसंद हैं. इसके साथ ही जोमैटो और मीशो जैसी न्यू-एज कंपनियां भी युवाओं को आकर्षित कर रही हैं.स्किल्स को करते रहें अपडेटइस रिपोर्ट से साफ है कि अब कंपनियां स्किल-बेस्ड हायरिंग को ज्यादा महत्व दे रही हैं. ऐसे में युवाओं को चाहिए कि वे अपने स्किल्स को अपडेट करते रहें और इंडस्ट्री की जरूरतों के अनुसार खुद को तैयार करें. फ्रीलांसिंग, साइड हसल्स और नए-नए करियर ऑप्शंस को अपनाकर वे सफल करियर बना सकते हैं.