50 लाख कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा लाभ, डीए-एचआरए बढ़ने के आसार
सीजी भास्कर, 28 अक्टूबर। केंद्र सरकार ने मंगलवार को आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की दिशा में अहम कदम उठाते हुए इसकी सेवा शर्तों (Terms of Reference) को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस फैसले से देशभर के करीब 50 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और 69 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आयोग के गठन और कार्यप्रणाली को हरी झंडी दी गई।
न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई होंगी अध्यक्ष
आयोग की अध्यक्ष के रूप में सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई को नियुक्त किया गया है, जबकि आईआईएम बेंगलुरु के प्रोफेसर पुलक घोष सदस्य होंगे। पेट्रोलियम मंत्रालय (8th Pay Commission) के सचिव पंकज जैन को सदस्य सचिव बनाया गया है। माना जा रहा है कि यह फैसला बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत भरा संदेश है।
18 महीनों में रिपोर्ट देनी होगी
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आयोग की घोषणा जनवरी 2025 में की गई थी, लेकिन अब सेवा शर्तों को मंजूरी मिलने के बाद प्रक्रिया तेज हो गई है। कैबिनेट के निर्णय के अनुसार, आयोग को अपनी मुख्य रिपोर्ट 18 महीनों के भीतर जमा करनी होगी।
आवश्यकता पड़ने पर आयोग विशिष्ट मुद्दों पर अंतरिम रिपोर्ट भी दे सकता है। आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होंगी।
बढ़ सकते हैं डीए, टीए और एचआरए
सातवें वेतन आयोग ने वेतन में 14.3 प्रतिशत वृद्धि की सिफारिश की थी, जिससे लगभग 1 करोड़ कर्मचारियों को फायदा हुआ था। माना जा रहा है कि आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission) महंगाई भत्ता (DA), यात्रा भत्ता (TA) और आवास भत्ता (HRA) में संशोधन की सिफारिश कर सकता है। इससे कर्मचारियों की क्रय शक्ति (Purchasing Power) में वृद्धि होगी और बाजार में मांग बढ़ेगी।
सरकार पर वित्तीय बोझ, लेकिन अर्थव्यवस्था को बल
विश्लेषकों का अनुमान है कि आयोग की सिफारिशों से सरकार पर 2.40 से 3.20 लाख करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा। हालांकि इसका एक बड़ा हिस्सा कर राजस्व (Tax Revenue) के रूप में वापस आएगा। इससे घरेलू बाजार (Domestic Market) में उत्पादों की मांग में बढ़ोतरी की संभावना है।
कर्मचारी संगठनों ने किया स्वागत
कर्मचारी संगठनों ने इस फैसले को सकारात्मक कदम बताया है। उनका कहना है कि वेतन संशोधन (8th Pay Commission) समय पर होना चाहिए ताकि महंगाई दर (Inflation Rate) के बीच कर्मचारियों का जीवनस्तर संतुलित बना रहे।
