सीजी भास्कर, 28 नवंबर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग को जांजगीर जिले में आज की सुनवाई के दौरान आवेदिका ने बताया कि वह 7वें माह की गर्भावस्था के दौरान अनावेदक ने मकान खाली कराने हेतु पत्राचार किया था, उसके खिलाफ आवेदिका ने आवेदन किया था। आवेदिका संविदा में कार्यरत है, उन्हे वैधानिक रूप से डॉक्टर की उपलब्धता की पात्रता वाला मकान में रहने की अधिकारिता नहीं है, पर उसे अब तक वहा रहने दिया गया है। यदि दोबारा उसे मकान खाली करने के लिए कहा जाएगा तो वह खाली कर देगी। आवेदिका प्रकरण में आगे कोई कार्यवाही नहीं चाहती थी, इसलिए आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया।
आपको बता दें कि आयोग अध्यक्षा डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य श्रीमती सरला कोसरिया, श्रीमती प्रियंवदा सिंह जूदेव, श्रीमती लक्ष्मी वर्मा ने आज जिला पंचायत सभा कक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत 29 प्रकरणों पर जन सुनवाई की। छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर की 290वीं एवं जांजगीर जिले में 11वीं सुनवाई की गयी।
देखिए विडियो 👇
https://www.facebook.com/share/v/1Bqq7X16DK/?mibextid=oFDknk
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के शिकायत पर थाना पांमगढ़ में दिनांक 14 सित्मबर 2024 को अपराध क. 350/2024 धारा 376 (2) एन, 294 506, 323 का मामला दर्ज कर लिया गया है और अनावेदक डेढ़ माह जेल में भी रहा है। जिसकी सुनवाई जिला न्यायालय चल रही है। आयोग द्वारा सखी सेंटर को निर्देश दिया गया कि विधिक सहायता दिला कर आवेदिका को मदद की जाए ताकि अनावेदक को कड़ी से कड़ी सजा दी जा सके। चूंकि प्रकरण न्यायालय में चल रहा है आयोग में चलना अनुचित है, इसलिए प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों को सुना गया। दोनों पक्षों के मध्य सुलह हो गई और दोनों पक्ष एक दुसरे के खिलाफ कार्यवाही नहीं चाहते हैं। आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया ।
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने कहा कि नैला थाना में अनावेदक के खिलाफ लिखित में शिकायत दी गई, इसके बावजूद अब तक थाना में एफआईआर दर्ज नहीं किया गया है। इस प्रकरण में एसपी जांजगीर को पत्र भेजा जाए कि आवेदिका के प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर प्रकरण में आपराधिक मामला दर्ज कर उसकी रिपोर्ट 2 माह में आयोग में प्रेषित की जाए। एक अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों को सुना गया आवेदिका और अनावेदक के 2 बेटियां और 1 बेटा है जिनकी उम्र 16 वर्ष, 15 वर्ष, और 13 वर्ष है अनावेदक द्वारा दूसरी महिला से शादी किया गया है। अनावेदक ने आवेदिका और बच्चों को घर से निकाल दिया है, जबकि दोनों के बीच विधिवत तलाक नही हुआ है। बिना तलाक के दूसरा विवाह करना धारा 82 (1) बीएनएस के तहत कानूनी अपराध है। मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला आयोग द्वारा नायब तसीलदार वर्षा अग्रवाल को जिम्मेदारी दी गई कि दूसरी पत्नी को हटा कर पति के घर में आवेदिका एवं बच्चों को रहने के लिए मदद करेंगी। बच्चों ने बताया कि दादी दादा द्वारा हमारे रहने में विरोध किया जायेगा। इस वजह से प्रोटेक्शन अधिकारी द्वारा आवेदिका के सास ससुर को समझाईश दी जायेगी और आवश्यकता अनुसार दूसरी महिला को नारी निकेतन भी भेजा जा सकता है। यह सभी कार्यवाही में नायब तसीलदार वर्षा अग्रवाल व सखी सेंटर की केन्द्र प्रभारी व एवं प्रोटेक्शन अधिकारी आवेदिका को निःशुल्क अधिवक्ता दिला कर धारा 82 (1) बीएनएस आपराधिक परिवाद पंजीबद्ध करवाएं और प्रकरण के निराकरण में आवेदिका का सहयोग करें।
दोनों पक्षों को विस्तार से सुना गया जिससे पता चला कि आवेदिका की रिपोर्ट पर थाना डबरा में अनावेदक के विरूद्ध 14/07/2024 को एफआईआर नं.262 दर्ज कर लिया है। जिसमें धरा 74.331 (4) बीएनएस का अपरायध दर्ज कर लिया है, जिसमें अनावेदक जमानत पर है और प्रकरण डबरा न्यायालय में प्रकियाधीन है। इस वजह से आयोग में चलना अनुचित है, प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में अनावेदक ने बताया कि सक्ती में परामर्श केन्द्र में डेढ़ माह का समय मिला है, अनावेदक घर के तलाश में है ताकि आवेदिका और उसके बच्चे को ले जा सके। केन्द्र प्रभारी व प्रोटेक्शन अधिकारी दोनों बच्चों का सुलह करा कर आवेदिका को अनावेदक के घर भेजना है, ताकि आवेदिका का घर बस जाये। 2 माह के अंदर आयोग को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगें इस प्रकरण का नस्तीबद्ध किया गया।
अनावेदक अपनी पत्नी को साथ ले जाना चाहता है, इस प्रकरण को सखी केन्द्र प्रभारी को सुपुर्द किया जाता है कि 2 माह के अंदर समझौता करा कर साथ रहने के लिए समझाइश दें ताकि घर बसाया जा सके और आयोग को 2 माह में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इस आश्य के साथ प्रकरण का नस्तीबद्ध किया गया।
आवेदिका उपस्थित अनावेदक अनुपस्थित आवेदिका अपना प्रकरण संशोधन कर रायपुर में सुनवाई चाहती है। आवेदिका प्रकरण के लिए रायपुर में उपस्थित होगें। प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
आवेदिका ने बताया उनके मामले न्यायालय में प्रकियाधीन है, इस वजह से आयोग में चलना अनुचित है। प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। आवेदिका उपस्थित अनावेदक अनुपस्थित मामला संपत्ति विवाद का है इसलिए तहसील डबरा के तहसील दार को एक पत्र आयोग की ओर में प्रेषित किया जायेगा कि प्रकरण में 2 माह के अन्दर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। इस प्रकरण में ऑडर शीट की प्रति सखी की प्रशासिका को दिया गया है। इस प्रकरण में शीघ्र कार्यवाही हेतु तहसीलदार डबरा सहयोग करें। ऑडर शीट की निःशुल्क प्रति सखी प्रभारी व आवेदिका को दी गई है। सखी प्रभारी 2 माह में इनकी रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत करे इसके साथ ही प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। आवेदिका अनुपस्थित अनावेदक ने तलाक का दस्तावेज प्रस्तुत किया, इस आधार पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया ।
आवेदिका उपस्थित अनावेदक अनुपस्थित आवेदिका की शिकायत पर पंजीबद्ध हो चुका है। आवेदिका के प्रकरण में समझौता हो चुका है आवेदिका प्रकरण चलाना नहीं चाहते है । प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। आवेदिका उपस्थित, अनावेदकगण अनुपस्थित दोनों के बीच का मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण प्रकरण में सुना जाना संभव नहीं था इसलिए प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।