सीजी भास्कर, 05 दिसंबर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग में दो पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ आवेदन किया था। दोनों प्रकरण मृतक अनावेदक के आस-पास घूम रहा है। मामले के गंभीरता को देखते हुए इस प्रकरण के जांच के लिए संबंधित पुलिस अधीक्षकों से जांच प्रतिवेदन मंगा कर रायपुर मुख्यालय में अंतिम सुनवाई होगी। आयोग अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने जानकारी देते हुए बताया कि सदस्य श्रीमती सरला कोसरिया एवं श्रीमती लक्ष्मी वर्मा ने मुंगेली कलेक्टोरेट सभा कक्ष मनियारी मुंगेली में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत 11 प्रकरणों पर जनसुनवाई की है।
सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका उपस्थित अनावेदक पुलिस के द्वारा सूचित किये जाने के बाद भी अनुपस्थित रही। चूंकि अनावेदक ने पिछली सुनवाई में स्वयं के पास वाईस रिकार्डिंग जिसमें आवेदिका की आवाज होना स्वीकार कर लिया है। अतः आवेदिका अपना पक्ष प्रमाणित कुर चुकी है। वह अपने सभी दस्तावेज के आधार पर अनावेदक से अपनी बकाया राशि प्राप्त करने के लिए दीवानी न्यायालय में प्रकरण लगा सकती है। इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में अनावेदिका ने आवेदिका के पति के खिलाफ 28 मई को धारा 376 की धारा के तहत एफआईआर करायी थी। आवेदिका ने बताया कि 03 सितंबर को उसके पति सौरभ सोनी ने आत्महत्या कर ली, उनकी मृत्यु हो चुकी है लेकिन मरने से पहले उनके पति सौरभ सोनी ने सुसाइड नोट लिखा था जिसका फोटोकॉपी आवेदिका ने प्रस्तुत की, जिसे पढ़ने से यह स्पष्ट है कि मृतक सौरभ सोनी अनावेदिका के कारण आत्महत्या करना लिखा है। जिस पर अब तक कोई कार्यवाही जीआरपी थाना दुर्ग ने नहीं किया गया है। आयोग द्वारा एसपी दुर्ग से इस मामले में पूरी विस्तृत जानकारी एक माह में मंगाई जाएगी। अब तक मृतक सौरभ सोनी मामले में कार्यवाही क्यों नहीं हुई? एफआईआर दर्ज किया गया अथवा नहीं? रिपोर्ट मिलने के बाद प्रकरण की सुनवाई एक माह में रायपुर में की जाएगी। इसी से जुडे़ एक और प्रकरण में मृतक अनावेदक सौरभ सोनी के आसपास घूम रहे हैं। इस प्रकरण में भी कोई कार्यवाही नही हुई है जिसमें आयोग ने मुंगेली थाना से प्रतिवेदन मंगाए जाने पुलिस अधीक्षक मुंगेली को पत्र भेजा जाएगा। रिपोर्ट मिलने पश्चात दोनो प्रकरणों को एक साथ रायपुर में अंतिम सुनवाई हेतु रखा जायेगा।
अन्य प्रकरण में आवेदिका के पति की कैंसर से दिनांक 23 मई को मृत्यु हो गयी है और तेरहवीं के दिन पत्नी ससुराल से निकलकर अपने मायके चली गई थी। आवेदिका के पति ने लोरमी में एक मकान बनवाया था जो कि उनके भांजे के नाम पर है। उस जमीन की खरीदी और मकान बनवाने के लिए अनावेदक (ससुर) ने पैसा दिया था। जिस पर आवेदिका अकेली रहती है और उसी मकान के शेष हिस्से से 5 हजार किराया भी प्राप्त कर रही है। अनावेदक (ससुर) से पूछे जाने पर बताया कि उनके कुल 3 संतान हैं, जिसमें 1 की मृत्यु हो गयी है। आवेदिका उसी की पत्नी है। उसके पास पिपरिया में एक मकान है तथा खेती की जमीन में आवेदिका को 1/4 हिस्सा देने को तैयार है। आवेदिका भी लोरमी के मकान में 1/4 हिस्सेदार रहेगी। दोनों पक्ष सहमत होने पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में आवेदिका वन विभाग में लेखापाल के पद पर कार्यरत है जबकि अनावेदक क्रमांक 1 एसडीओ है, क्रमांक 2 आशीष वाहन चालक है, क्रमांक 3 कार्यालय सहायक है। सभी पक्षकार शासकीय सेवा में कार्यरत हैं। इसके बावजूद अब तक प्रकरण में आईसीसी की बैठक नहीं हुई है और जांच भी नहीं हुई है। इस प्रकरण में डीएफओ मुंगेली को पत्र भेजकर जांच करायी जाएगी। रिपोर्ट प्राप्त होने पर प्रकरण की अगली सुनवाई रायपुर में होगी। अन्य प्रकरण में अनावेदक ने बताया कि उसके और घरवाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। आवेदिका के लगातार अनुपस्थिति के कारण प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।