सीजी भास्कर, 12 दिसंबर। दुर्ग जिला सहकारी बैंक दुर्ग में तत्कालीन सीईओ श्रीमती अपेक्षा व्यास पर 100 करोड़ रुपये से अधिक के तालपत्री खरीदी घोटाले का आरोप है। आरोप है कि सीईओ ने राजनीतिक सरंक्षण के तहत दोगुनी कीमतों पर तालपत्री, भूसा और सुतली की सप्लाई कराई और शाखा प्रबंधकों पर दबाव डालकर भुगतान करवाया।
शिकायतकर्ता योगेंद्र दिल्लीवार और लेखुदास साहू के अनुसार, श्रीमती व्यास ने दुर्ग जिला सहकारी बैंक की 311 सहकारी समितियों के धान खरीदी केंद्रों में दोगुनी कीमत पर सामान की जबरिया सप्लाई करवाया। उन्होंने भिलाई के एक ठेकेदार को बैंक के अंतर्गत आने वाले सभी सहकारी समितियों में सप्लाई का ठेका दिया, जो अब भी कांटा मशीन और अन्य सामान की सप्लाई कर रहा है।
जांच में यह भी पता चला है कि सीईओ ने शाखा प्रबंधकों से दबाव डालकर भुगतान करवाया। जिन्होंने भुगतान करने से इंकार किया, उन्हें हटाकर लेखापाल को प्रभारी शाखा प्रबंधक बना दिया गया और भुगतान कराया गया।
रेस्ट हाउस में बैठकों का आरोप
बैंकिंग अधिकारियों के अनुसार, तत्कालीन सीईओ श्रीमती व्यास 14 साल की सेवा के दौरान 11 साल तक दुर्ग जिला सहकारी बैंक में कार्यरत रही। 2019 से 2021 के बीच बैंक में ऋण असंतुलन के कारण दोगुनी कीमतों पर तालपत्री की खरीदी की शिकायतें सामने आई।
सूत्रों के अनुसार पाटन के तत्कालीन विधायक और मुख्यमंत्री के ओएसडी के साथ पाटन के रेस्ट हाउस में बैठकें जिसमें सभी शाखा प्रबंधकों को बिलिंग करने की हिदायतें दी जाती थी। जिन शाखा प्रबंधकों ने विरोध किया उन्हें हटाकर लेखापाल को प्रभारी प्रबंधक बना दिया गया ताकि बिलिंग और भुगतान किया जा सके।
बेमेतरा जिले में 20 करोड़ से अधिक का खेल
जांच रिपोर्ट के अनुसार अकेले बेमेतरा जिले में ही 20 करोड़ से अधिक का खेल हुआ है जिसकी जांच रिपोर्ट अभी भी डीसीसीबी मुख्यालय में धूल खा रही है।