सीजी भास्कर, 19 दिसंबर। भारत और चीन के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत को लेकर जरूरी फैसला लिया गया है। बुधवार को दोनों देशों के खास प्रतिनिधियों (एसआर) के बीच हुई बातचीत में न केवल इस यात्रा को फिर से शुरू करने पर सहमति बनी, बल्कि कई दूसरे अहम मुद्दों पर भी चर्चा की गई. खासतौर से नाथुला सीमा पर भारत-चीन के बीच बंद कारोबार को शीघ्र दोबारा शुरू करने का निर्देश दिया गया है, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में एक नई दिशा देखने को मिल सकती है।
यह बातचीत विशेष प्रतिनिधियों के स्तर पर आयोजित की गई, जिसमें भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और चीन की ओर से विदेश मंत्री वांग यी ने भाग लिया. यह वार्ता 23वीं दौर की एसआर वार्ता थी, जो साल 2020 में लद्दाख के वास्तविक कंट्रोल लाइन (एलएसी) पर उत्पन्न विवाद के बाद से स्थगित थी. वार्ता में दोनों देशों ने सीमा विवाद के समाधान के लिए अच्छे कदम अपनाने पर सहमति जताई है।
कजान में हुई मुलाकात से मिली दिशा
भारत और चीन के नेताओं के बीच कजान में हुई मुलाकात में यह फैसला लिया गया था कि एसआर स्तर की बातचीत फिर से शुरू की जाएगी। इसका उद्देश्य सीमा पर शांति बहाल करना और दोनों देशों के बीच विवादों का न्यायपूर्ण और निष्पक्ष समाधान निकालना है। इस संदर्भ में दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने राजनीतिक नेतृत्व से मिले निर्देशों के आधार पर सीमा विवाद के समाधान पर जोर दिया।
वार्ता के दौरान एक और अहम पहलू पर चर्चा की गई। विशेष प्रतिनिधियों ने अक्टूबर 2024 में संबंधित क्षेत्रों में पशुओं को चराने और गश्त की अनुमति देने पर सहमति जताई। दोनों पक्षों ने यह माना कि सीमा पर शांति बनाए रखना और सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए स्थिरता जरूरी है। इसके आलावा, सीमा पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अलग अलग विकल्पों और नए सुझावों पर भी विचार किया गया।
इस वार्ता के परिणाम स्वरुप चीन के विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू की जाएगी। साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते को बढ़ाने के लिए नाथुला सीमा को फिर खोला जाएगा। मथुरा सीमा भारत चीन के बीच 1962 के युद्ध के बाद से बंद था जिसे 2006 में खोला गया था जिसे कुछ समय बाद फिर बंद कर दिया गया था। ये दोनों ही निर्णय दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए अहम मान जा रहा है।