सीजी भास्कर, 19 फरवरी। पहले विधानसभा-लोकसभा फिर निकाय चुनाव में बिगड़ते प्रदर्शन की वजह से कांग्रेस नेता खुल कर भीतरघात को हवा देते नजर आ रहे हैं। जो शिकवा शिकायतें कभी पार्टी के भीतर फोरम में होती थी वह अब खुलकर बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस और सार्वजनिक बयानों तक आ पहुंची है। एक के बाद एक चुनाव परिणामों में मिली करारी शिकस्त ने जहां कांग्रेस को हाशिए पर धकेल दिया है वहीं छत्तीसगढ़ में अलग अलग धड़ों में बंटे कांग्रेस नेता और संगठन के बीच भेदिए और भीतरघात का द्वंद सा चल पड़ा है। एक तरफ कुछ धड़ा पूरे संगठन में फेरबदल चाहता है तो दूसरी तरफ कहीं कहीं जिलाध्यक्ष ही पार्टी विधायक पर आरोप लगाते विधायक के निष्कासन की चाहत जता रहे हैं। यहां संगठन चला रहे नेता ही दर्द में नहीं हैं पूर्व विधायकों की पीड़ा भी सार्वजनिक हो चली है। कुल मिलाकर कांग्रेस संगठन का अंतर्द्वंद इतना गहराता जा रहा है कि राजनीतिक पंडित छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन में जल्द बड़े फेरबदल की भविष्यवाणी करने लगे हैं नतीजतन इस संभावना के लगाव से घिरे छत्तीसगढ़ के अनेक कांग्रेसी नेताओं ने दिल्ली दौड़ लगा दी है।
आपको बता दें कि संगठन नेतृत्व के दावेदार ही नहीं कांग्रेस के पूर्व विधायकों के भी अचानक दिल्ली निकल जाने की खबरें आ रही हैं। ऐसे में बड़े नेता कांग्रेस संगठन में बदलाव की अटकलों के बीच हर फोरम पर अपनी दावेदारी ठोकने निकल पड़े हैं। कांग्रेस अध्यक्ष की अटकलों के बीच लॉबिंग भी शुरू हो गई है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने के बाद अब दावा किया जा रहा है कि राज्य के सीनियर नेता और पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है। पीसीसी अध्यक्ष के लिए पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव का नाम की चर्चा होने के बाद दिल्ली में बड़े नेताओं की लामबंदी होने लगी हैं और एक खेमा प्रदेश कांग्रेस की कमान किसी आदिवासी नेता को सौंपने की मांग कर रहा है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाने के साथ ही पंजाब का भी प्रभार सौंपा गया है। भूपेश बघेल इन दिनों दिल्ली के ही दौरे पर है। दिल्ली दौरे में उन्होंने मंगलवार को राहुल गांधी से मुलाकात की थी। सूत्रों का दावा है कि भूपेश बघेल के बाद कई और नेता दिल्ली पहुंच गए हैं। पूर्व मंत्री अमरजीत भगत और शिव डहरिया के भी दिल्ली पहुंचने का दावा किया जा रहा है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, विधायक लखेश्वर बघेल, पूर्व विधायक संतराम नेताम और फूलोदेवी नेताम भी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर एक्टिव हो गई हैं। राहुल गांधी और भूपेश बघेल की मुलाकात के बाद प्रदेश अध्यक्ष की अटकलों को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं। इस बीच कांग्रेस के सीनियर नेता टीएस सिंहदेव का एक बड़ा बयान सामने आया कि सिर्फ जातीय या वर्गीय आधार पर पद नहीं मिलना चाहिए। यह भी जरूरी है कि कौन सबसे अच्छा नेतृत्व कर सकता है। उन्होंने कहा कि अगर अमरजीत भगत प्रदेश अध्यक्ष बनने की इच्छा रखते हैं तो उनके नाम पर भी विचार होना चाहिए। वे भी मंत्रिमंडल के सदस्य रहे हैं। बता दें अमरजीत भगत भूपेश बघेल कैबिनेट में मंत्री थे।
गौरतलब हो कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर एक नई डिमांड सामने आई है। दावा किया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने आदिवासी सीएम का कार्ड खेला है। ऐसे में आदिवासी वोटर्स को साधने के लिए आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा होनी चाहिए।