सीजी भास्कर, 26 फरवरी।
छत्तीसगढ़ में सुबह से ही महाशिवरात्रि के पर्व पर मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। रायपुर में महादेव घाट स्थित हटकेश्वरनाथ महादेव का अर्धनारीश्वर स्वरूप में श्रृंगार किया गया है। सुबह 4 बजे से भोलेनाथ के दर्शन करने श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। सुरेश्वर महादेव चौक पर 21 फीट ऊंचा त्रिशूल लगेगा। मंदिर के बाहर लंबी कतार लगी है।
वहीं राजिम के त्रिवेणी संगम में शाही स्नान से पहले नागा साधुओं का डिप्टी सीएम विजय शर्मा और केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने स्वागत किया। यहां स्थित कुलेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन के लिए तड़के से श्रद्धालुओं की लाइन लगी है।
अमरकंटक से जल लेकर ज्वालेश्वर में जलाभिषेक
पेंड्रा में MP-CG की सीमा पर स्थित ज्वालेश्वर महादेव में श्रद्धालु अमरकंटक से जलकर जलाभिषेक और पूजा पाठ कर रहे है। सुबह से मंदिर में श्रद्धालुओं की कतार लगी है। ज्वालेश्वर महादेव स्वयंभू शिवलिंग है। गौरेला अमरकंटक के रास्ते में लगभग 25 किमी दूरी पर जलेश्वरधाम स्थित है।
जानकारी के मुताबिक शिवलिंग 12वी सदी कलचुरी काल का है। महाशिवरात्रि और श्रावण मास में श्रद्धालु यहां बड़ी संख्या में पैदल चलकर शिव जी को नर्मदा का जल चढ़ाते हैं। इस स्थान पर प्राकृतिक कुण्ड स्थिति है जो आकर्षण का केन्द्र है।
हर साल बढ़ रहा शिवलिंग, भूतेश्वरनाथ मंदिर में भारी भीड़
गरियाबंद स्थित भूतेश्वरनाथ मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी है। सुबह से श्रद्धालु फूल अर्पित कर जलाभिषेक कर रहे हैं। भूतेश्वरनाथ प्राकृतिक स्वयंभू शिवलिंग है। इसकी ऊंचाई और गोलाई हर साल बढ़ रही है। वर्तमान में इसकी ऊंचाई 84 फीट और गोलाई 290 फीट है।
रायगढ़: सत्यनारायण बाबा धाम में लंबी कतार
रायगढ़ स्थित कोसमनारा सत्यनारायण बाबा धाम में रात से श्रद्धालु पहुंचने लगे थे और काफी भीड़ रही। श्रद्धालु यहां महादेव का विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की। जिले से महज चार किलोमीटर की दूरी पर कोसमनारा गांव का बाबा धाम लोगों के आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां बाबा 26 सालों से तपस्या में लीन हैं।
क्या खाते-पीते हैं, कब सोते हैं और कब जागते हैं, इस विषय में किसी को कोई भी जानकारी नहीं है। ठंडी, गर्मी और बारिश का भी बाबा पर कोई असर नहीं पड़ता है। 12 महीने अपने तपस्या में लीन रहते हैं। यह दिलचस्प कहानी है कोसमनारा वाले सत्यनारायण बाबा की।
महानदी तट से लेकर रूद्रेश्वर मंदिर तक श्रद्धालुओं की कतार
धमतरी के महानदी तट पर स्थित रुद्रेश्वर महादेव मंदिर में जल अर्पित करने भक्तों की कतार लगी है। राम वन गमन पथ पर रुद्रेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। जिला मुख्यालय से नौ किमी और रायपुर से 87 किमी दूर रुद्री में स्थित रुद्रेश्वर महादेव मंदिर छत्तीसगढ़ के प्रमुख शिवालयों में शामिल है।
महानदी के तट पर स्थित इस मंदिर का इतिहास हजारों साल पुराना है। शिवरात्रि और सावन में यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर पूजा-अर्चना करते हैं। यहां के स्वयंभू शिवलिंग की महिमा ही है कि मांगी मुराद पूरी हो जाती है।
पातालेश्वर महादेव में स्वयंभू शिवलिंग
बिलासपुर के पातालेश्वर महादेव मंदिर में भी सुबह से श्रद्धालु महादेव का जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं। भगवान महादेव यहां भूगर्भ में विराजमान हैं। पातालेश्वर महादेव को केदारेश्वर भी कहा जाता है।
काले चमकीले पत्थर से बनी शिवलिंग यहां गौमुख आकृति की है। कहा जाता है, यहां शिवलिंग की जलहरी में डाला गया जल सीधे पाताल लोक में जाता है। यहां के मंदिर में 108 कोण भी बने हुए हैं।
