मध्य प्रदेश में बुरहानपुर के जिला अस्पताल का विवादों से पुराना नाता रहा है. कभी यहां पर समय पर मरीजों को डॉक्टर नहीं मिलते तो कभी परिजनों और मरीजों के मोबाइल चोरी हो जाते हैं. वहीं एक बार फिर जिला अस्पताल में सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां पर नवजात बच्चों की ही अदला-बदली हो गई. परिजनों के विरोध के बाद अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गलती मानी और फाइलें खंगाली फिर बच्चों को वापस दिया गया. इस लापरवाही में एक नर्स को अस्पताल प्रबंधन ने कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. परिजनों को समझाने के बाद मामला शांत हुआ है.
दरअसल, बुरहानपुर के जिला अस्पताल में कल रात एक सनसनी खेज मामला सामने आया हैं. कल रात बुरहानपुर और एक गांव मेथा खारी की दो महिलाएं जिला अस्पताल में डिलीवरी के लिए पहुंची. मेथा खारी की महिला की डिलीवरी 3 बजे हुई और बुरहानपुर की महिला की डिलीवरी 4 बजे हुई. डिलीवरी करने वाले डॉक्टर ने मेथा खारी वाली महिला के परिजनों को लड़का होना बताया और बुरहानपुर की महिला के परिजनों को लड़का होना बताया. परिजन भी नॉर्मल डिलीवरी से खुश थे, लेकिन सुबह जब महिलाओं को बेड पर शिफ्ट किया गया तो पता चला कि बच्चों की अदला बदली हो चुकी है. जिसे लड़का हुआ था उस महिला के पास लड़की और जिसकी लड़की हुई थी उस महिला के पास लड़का पहुंच चुकी है.
अब यह सब देख परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा और काफी हंगामा भी हुआ. इसके बाद डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गलती मानी और रजिस्टर को चेक करने के बाद जिसका जो बच्चा था उसे वापस किया. बुरहानपुर वाले दंपति ने तो डीएनए टेस्ट करने तक की बात कह दी. फिलहाल ड्यूटी पर तैनात नर्स को अस्पताल प्रबंधन ने कारण बताओ नोटिस जारी करके इस मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया है.
डॉक्टरों ने बताया लड़का हुआ है
वहीं इस पूरे मामले पर अपनी पत्नी को लेकर पहुंचे मेथा खारी के ज्ञान सिंह ने बताया कि डिलीवरी के बाद डॉक्टर ने लड़का होने की खबर दी थी. लेकिन बेड पर जच्चा बच्चा के आने के बाद पता चला की लड़की है. डॉक्टर से और ड्यूटी पर मौजूद नर्सों से बात की गई लेकिन वह नहीं माने. फिर हमने डॉक्टर का हवाला दिया और बताया कि डॉक्टर ने लड़का होना बताया था. जिसको लड़का दिया था उससे भी बात की गई. काफी मशक्कत के बाद उसने भी माना कि हमें भी डॉक्टर ने लड़की होना बताया था. यह लड़का आपका है वापस ले लो लेकिन अस्पताल प्रबंधन की यह गलती बहुत बड़ी है. अब अगर हमें पहले डॉक्टरों द्वारा बताया नहीं जाता तो हम तो लड़की को ही अपने घर ले जाते और दूसरे का बच्चा पाल रहे होते. अस्पताल प्रबंधन की बहुत बड़ी लापरवाही है ऐसी गलती नहीं होना चाहिए.
बेड पर मां के साथ मिली लड़की
इस पूरे मामले के प्रत्यक्ष दर्शी सैयद वाजिद ने कहा कि दोनों डिलीवरी के समय में मौजूद थे. मेरे परिजन भी यहां भर्ती हैं डॉक्टर ने इन्हें लड़का और लड़की होना बताया था, लेकिन जब दोनों बच्चों को और उनकी मां को बेड पर शिफ्ट किया गया तो ड्यूटी डॉक्टर और नर्सों की लापरवाही के चलते बच्चों की अदला बदली हो गई. वह तो अच्छा हुआ कि पहले ही इनको पता था कि किसको लड़का और किसको लड़की हुई है. बाद में जिसका बच्चा था, उसे दे दिया गया, लेकिन यह घोर लापरवाही अस्पताल प्रबंधन की अक्सर देखने को मिलती है. इसके पहले भी बच्चों की अदला-बदली हो चुकी है. अस्पताल प्रबंधन को चाहिए कि इस पर ध्यान दें और आगे से ऐसी गलती ना हो.
ड्यूटी पर तैनात नर्स के खिलाफ नोटिस जारी
डॉ भूपेंद्र गौर ने कहा कि एक महिला की डिलीवरी 3 बजे हुई और दूसरी महिला की डिलीवरी 4 बजे हुई. एक को लड़का और एक को लड़की हुई थी. एक बच्चे को सांस लेने में दिक्कत और दूसरा डिलीवरी के बाद राय नहीं. जिसको कुछ समय तक ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद अटेंडर ने उन बच्चों को माता-पिता को दे दिया. इसमें गलती से जिसको लड़का हुआ था उसे लड़की और जिसे लड़की हुई थी उसे लड़का दे दिया गया. लेकिन बाद में हमने दोनों ही परिजनों को समझाया. जिसका जो बच्चा था उसे वापस दे दिया गया है. अब डीएनए टेस्ट करने की बात सामने आ रही है तो वह भी किया जा सकता है. अगर अटेंडर चाहे तो हम उनका पूरा सहयोग करेंगे. फिलहाल मामला शांत हो गया है और ड्यूटी नर्स को नोटिस भी जारी किया जा चुका है. ताकि आगे इस तरह की गलती ना हो.