सीजी भास्कर, 28 फरवरी। उत्तराखंड के चमोली में एक बड़ी दुर्घटना हो गई है. यहां माणा गांव में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही मच गई है, जिसकी चपेट में आने से 47 मजदूर बर्फ में दब गए हैं. बता दें कि 57 मजदूर इस हादसे का शिकार हुए थे, लेकिन 16 को रेस्क्यू कर लिया गया है. बाकी की तलाश जारी है. हादसे के बाद मौके पर प्रशासन और BRO की टीम रवाना हो गई है. फिलहाल ITBP और गढ़वाल स्काउट की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है.
बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त घटनास्थल पर बड़ी तादाद में प्राइवेट ठेकेदार के मजदूर काम कर रहे थे. सभी BRO के कांट्रेक्ट में काम कर रहे ठेकेदार के मजदूर थे. एवलांच आने पर सभी इधर-उधर भागने लगे. इनमें से कुछ बचने में कामयाब हो गए तो वहीं 57 मजदूर बर्फ की चपेट में आ गए.
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने IRS से जुड़े अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए रेस्क्यू कार्य करने के निर्देश दिए हैं. जिलाधिकारी ने बताया कि माणा गांव और माणा पास के मध्य सीमा सड़क संगठन के नजदीक हिमस्खलन की सूचना मिली है. यहां सेना की आवाजाही के लिए सड़क से बर्फ हटाने वाले 57 मजदूरों के घटना स्थल के नजदीक होने की जानकारी मिली है. अभी तक घटना में किसी प्रकार की मानवीय क्षति की जानकारी नहीं मिली है. सेना के साथ ही आईटीबीपी, एनडीआरफ, एसडीआरफ की रेस्क्यू टीम को मौके के लिए रवाना कर दिया गया है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर इस हादसे पर दुख जारी किया है. सीएम ने खुद कहा है कि फंसे हुए मजदूरों में से 16 को बचा लिया गया है. उन्होंने कहा,’जनपद चमोली में माणा गांव के निकट BRO द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन की वजह से कई मजदूरों के दबने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ. ITBP, BRO और अन्य बचाव दलों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य संचालित किया जा रहा है. भगवान बदरी विशाल से सभी श्रमिक भाइयों के सुरक्षित होने की प्रार्थना करता हूं.’
BRO टीम के सीआर मीना ने बताया,’सुबह हमें 11 बजे के करीब इनपुट मिला कि एवलांच आया है. रोड साइड में हमारे किसी कॉन्ट्रेक्टर के बंदे वहां पर थे, जिसमें से 57 दब गए. 11:30 बजे तक मिले इनपुट के मुताबिक करीब 15 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया, जिसमें से 3 घायल हैं. उनका आर्मी अस्पताल में इलाज चल रहा है. हमने एंबुलेंस भी भेज दी है, लेकिन भारी बर्फबारी की वजह से माणा पास और बद्रीनाथ के बीच जगह-जगह रोड ब्लॉक है. टीम उसे क्लियर करते हुए जा रही है. हमारी आखिरी बातचीत आर्मी के जरिए 11:30 बजे हुई थी, इसके बाद कम्युनिकेशन नहीं हो पा रहा है.’