सीजी भास्कर, 08 मार्च । नौकरी की कोई उम्मीद नहीं, न ही सुनवाई हो रही है… आखिरकार, जाएं तो जाएं कहां? यही सवाल लेकर छत्तीसगढ़ के 2,897 बर्खास्त B.Ed. प्रशिक्षित सहायक शिक्षक (Chhattisgarh BEd Teacher Protest) एक बार फिर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं।
नौकरी से निकाले गए ये शिक्षक अपना सामान लेकर नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर डटे हुए हैं। उनका गुस्सा बढ़ता जा रहा है और नारेबाजी तेज हो गई है।
इन शिक्षकों ने पहले भी 45 से अधिक दिनों तक प्रदर्शन किया था, लेकिन नगरीय निकाय चुनाव की आचार संहिता के कारण उन्हें अपना आंदोलन रोकना पड़ा था। अब फिर से मैदान में उतरने का कारण स्पष्ट है।
सरकार ने एक कमेटी तो बना दी है, लेकिन निर्णय सुनाने में ढिलाई बरत रही है। इसी वजह से शिक्षक अब कमेटी की समय सीमा निर्धारित करने की मांग कर रहे हैं, ताकि मामला लटका न रहे।
धरना स्थल पर नाराज शिक्षक (Chhattisgarh BEd Teacher Protest)
धरने में शामिल एक शिक्षक ने कहा, “सरकार ने हमें स्वयं भर्ती किया, लेकिन अब कोर्ट के फैसले का बहाना बनाकर हमें बाहर कर रही है। क्या यह हमारी गलती है या उनकी? हाईपावर कमेटी का गठन किया गया था, तो निर्णय भी जल्दी आना चाहिए था, लेकिन हम अब भी इंतजार कर रहे हैं।” एक अन्य शिक्षक ने कहा, “हमारे लिए परिवार का गुजारा करना मुश्किल हो गया है। अगर हमारी नौकरी छीननी थी, तो पहले हमें क्यों दी गई?”
आर-पार की लड़ाई का ऐलान (Chhattisgarh BEd Teacher Protest)
शिक्षकों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अब आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं। जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। सरकार ने शिक्षकों की मांगों पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया था, लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद कोई निर्णय नहीं लिया गया। इसी वजह से शिक्षक समिति की निष्क्रियता को लेकर भी असंतुष्ट हैं।
वे चाहते हैं कि सरकार इस मामले पर जल्द से जल्द निर्णय ले, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। गुरुवार को भी कई शिक्षकों ने विधानसभा जाने वाली सड़क पर तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया और वहां से गुजरने वाले नेताओं का ध्यान अपनी मांगों की ओर आकर्षित किया।