सीजी भास्कर, 8 मार्च |
कोर्ट के आदेश के बाद भी लेबर कोर्ट द्वारा जारी आरआरसी के मामले में कार्रवाई नहीं करने पर शुक्रवार को हाई कोर्ट ने जिला कलेक्टर रुचिका चौहान को तलब कर लिया। हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान उनसे पूछा कि आपको इस आरआरसी के बारे में कब जानकारी मिली थी?
जिस पर कलेक्टर ने बीते दिसंबर में जानकारी मिलने की बात कही। कोर्ट ने पूछा कि तब से अब तक आपने क्या किया? इसका रिकॉर्ड दीजिए। कलेक्टर ऐसा कोई भी रिकॉर्ड और दस्तावेज साथ लेकर नहीं गई थी।
इसके बाद कोर्ट ने उन्हें जमकर फटकारा और दोषी ठहराते करते हुए 11 मार्च को सजा पर मामले की सुनवाई को तय कर दिया है। आगामी सुनवाई में कलेक्टर को यह भी बताना होगा कि उन्होंने अब तक इस मामले में क्या-क्या किया है? इसके दस्तावेज भी पेश करना होंगे।
2017 में लेबर कोर्ट ने दिया था भुगतान का आदेश
- मुरैना के रहने वाले राम कुमार गुप्ता के भुगतान को लेकर लेबर कोर्ट ने 2017 में आरआरसी जारी की थी, लेकिन उसके काफी प्रयास के बाद भी जिस विभाग में वह काम करता था, वहां से उसका भुगतान नहीं हुआ।
- उस व्यक्ति ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 2018 में आदेश दिया कि प्रशासन इस मामले पर ध्यान देते हुए भुगतान करवाए, लेकिन जब कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुआ तो अवमानना याचिका दायर हुई। इसकी
- सुनवाई के दौरान शुक्रवार को हाईकोर्ट ने कलेक्टर को जमकर खरी-खोटी सुनाई हैं। जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने कहा कि आज पब्लिक सर्वेंट होकर भी पब्लिक का काम ठीक से नहीं कर रहे हैं। खुद को राजा मान रहा हैं।
विभिन्न मांगों को आउटसोर्स कर्मचारियों ने सीएमएचओ को सौंपा ज्ञापन
इस बीच, ग्वालियर में स्वास्थ्य विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सचिन श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपा। ठेका संघ (इंटक) के प्रदेश महामंत्री विश्वेश्वर गोस्वामी ने बताया कि ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई है कि किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी को हटाया नहीं जाए। आउटसोर्स कर्मचारियों को प्रत्येक माह की पांच तारीख तक वेतन का भुगतान जाए।
वहीं आउटसोर्स कर्मचारी को ईपीएफ निकासी की मंजूर दिलाये जाने की अनुशंसा कर आदेश जारी किए जाएं जिससे सभी कर्मचारी अपनी जमा ईपीएफ धनराशि का लाभ ले सकें।
कर्मचारियों की बात सुनने के बाद सीएमएचओ डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि अकारण किसी कर्मचारी को नहीं हटाया जाएगा। साथ ही समस्याओं का निराकरण कराया जाएगा।