▶️ भूपेश बघेल के परिवार तक भी जांच की आंच, देखिए विडियो
सीजी भास्कर, 10 मार्च। शराब घोटाला मामले से जुड़े हैं, ईडी छापेमारी के तार। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में 2161 करोड़ का शराब घोटाला होने के आरोप लगे थे। इस मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा और कई अफसरों को पहले गिरफ्तार किया गया था। अब इस मामले में भूपेश बघेल के परिवार तक भी जांच की आंच पहुंच गई है। कवासी लखमा से पूछताछ के आधार पर भूपेश बघेल के बेटे और अन्य ठिकानों पर रेड होने की जानकारी मिल रही है।

आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और कांग्रेस के कद्दावर नेता भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के घर छापा मारा है। भूपेश बघेल के बेटे के घर के आलावा ईडी ने छत्तीसगढ़ में 13 और जगह भी छापे मारे हैं। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल और अन्य के यहां ईडी की छापेमारी हुई है।
ईडी सूत्रों के हवाले से मीडिया ने खबर दी है कि ये छापे शराब घोटाला मामले से जुड़े हैं। छत्तीसगढ़ में 2161 करोड़ का शराब घोटाला होने के आरोप लगे थे। इस मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा और कई अफसरों को पहले गिरफ्तार किया गया था। अब इस मामले में भूपेश बघेल के परिवार तक भी जांच की आंच पहुंच गई है।

जानकारी के मुताबिक कवासी लखमा से ईडी की पूछताछ के बाद मिली जानकारी के आधार पर ही भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य तक ईडी पहुंची है। पूर्व मंत्री कवासी लखमा छत्तीसगढ़ में आबकारी विभाग देख चुके हैं। तब उन पर करोड़ों की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा था। शराब घोटाला मामले में ईडी ने 28 दिसंबर 2024 को छत्तीसगढ़ में कई जगह छापे मारे थे। फिर छापों से मिले सबूतों के आधार पर ईडी ने इस ल 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। कई अन्य भी गिरफ्तार हो चुके हैं। माना जा रहा है कि ईडी अब मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में कुछ और लोगों को भी गिरफ्तार कर सकती है।

इस मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को भी ईडी ने गिरफ्तार किया था। ये मामला वर्ष 2019 का है। तब छत्तीसगढ़ में डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर दुकानों से अवैध शराब बेचने का मामला हुआ था। इस घोटाले से छत्तीसगढ़ के खजाने को करोड़ों के राजस्व का नुकसान होने का आरोप है। आरोप ये भी है कि कवासी लखमा ने शराब घोटाला के जरिए 72 करोड़ रुपए का कमीशन लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईडी ने जांच में पाया कि शराब की बोतलों पर जो होलोग्राम लगाया गया, वो यूपी के नोएडा स्थित एक कंपनी में बने थे। आरोप है कि ये कंपनी पात्र नहीं थी, लेकिन नियम बदलकर उसे होलोग्राम बनाने का टेंडर दिया गया। इसके बदले कंपनी के मालिक से करोड़ों की रकम ली गई।