सीजी भास्कर, 10 मार्च |
कोरर थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मुरागांव के आश्रित ग्राम भैंसगांव और टोंडामरका के पांच ग्रामीणों को नक्सली बताते हुए एनआईए की टीम द्वारा बीती रात करीब 12 बजे उठाकर ले जाने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है।
इसके विरोध में रविवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण कोतवाली थाना पहुंचे। जिला पंचायत सदस्य मृदुला भास्कर ने बताया कि अब तक हमने कांकेर, कोरर और आमाबेड़ा थाने के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय का चक्कर काट लिया है।
मगर, ग्रामीणों को उठाकर ले जाने का कारण और अन्य जानकारी स्पष्ट नहीं हो पाई है। पुलिस अपने तरीके में सुधार नहीं करेगी तो ग्रामीणों के साथ उग्र आंदोलन किया जाएगा।
5 फरार नक्सलियों को गिरफ्तार करने की बात कह रही पुलिस
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार नक्सली वर्ष 2015 में ग्राम भैंसगांव व बुधियारमारी में तीन ग्रामीण परिवारों से मारपीट करने, जान से मारने की धमकी देते हुए उन्हें सपरिवार गांव से भगाने में शामिल थे। इस कार्रवाई में जिला कांकेर पुलिस की संयुक्त टीम शामिल है।
आठ मार्च को अनुविभागीय अधिकारी पुलिस कांकेर मोहसिन खान एवं थाना प्रभारी कोरर जितेन्द्र गुप्ता के साथ पर्याप्त बल लेकर अतिनक्सल प्रभावित ग्रामों पीढापाल, भैंसगांव, बुधियारमारी, टोंडामरका में फरार नक्सली सहयोगियों की पतासाजी की गई।
कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेजे गए आरोपी
फरार तीन नक्सली आरोपित कार्तिक उसेंडी, संतुराम हुपेंडी, चंदन सलाम सभी निवासी बुधियारमारी टोण्डामरका और अन्य प्रकरण में नक्सली आरोपित सोमारू कावड़े, लक्ष्मण नुरेटी दोनों भैंसगांव निवासी से पूछताछ की गई। उन्होंने तीन ग्रामीण परिवारों से मारपीट कर गांव से बाहर निकालना स्वीकार किया।
हार्डकोर नक्सली राजे कांगे एवं प्रभाकर की गिरफ्तारी व कई नक्सलियों के आत्मसमर्पण के बाद पुख्ता सूचना मिलने पर नौ मार्च को आरोपितों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। वहां से उन्हें जेल में भेज दिया गया है।
बेगुनाहों को बता रहे नक्सली
पूर्व जिपंच सदस्य नरोत्तम पडोटी ने कहा कि दो ग्रामों के छह ग्रामीणों को नक्सली होने का आरोप लगाकर उठाया गया है। इसकी जानकारी लेने के लिए पूरे क्षेत्र के ग्रामीण कांकेर पहुंचे हुए है, पर हमें कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। एनआईए टीम के आने का हवाला दिया गया है।
कल तक जानकारी नहीं दी गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। पुलिस एनआईए की टीम बताकर रात को घर में घुसे। इसके बाद चंदन सिंह सलाम, संतुराम उपेंडी, कार्तिक राम उसेंडी, भैंसगांव से सोमारू राम कावड़े, फूलसिंग कावड़े, लक्ष्मम नुरेटी को ले गए। ये सभी खेती-किसानी करने वाले ग्रामीण हैं।