सीजी भास्कर, 12 मार्च |
छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में दादा ने अपने 4 साल के पोते को एयरगन से गोली मार दी। एयरगन से निकला 2MM का छर्रा बच्चे के पेट में फंस गया है। शरीर में जहर फैलने (स्लो प्वाइजन) से बच्चे की जान जा सकती है। मामला धनोरा थाना क्षेत्र के बनियागांव का है।
मिली जानकारी के मुताबिक बच्चे का नाम प्रियांशु है। एयरगन से गोली लगते ही प्रियांशु बेहोश होकर जमीन पर गिर गया। बच्चे के माता-पिता ने बेहोशी की हालत में केशकाल अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज जारी है।
अब जानिए क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, 11 मार्च को प्रियांशु अपने घर के आंगन में खेल रहा था। इस दौरान वह शरारत भी कर रहा था। इसी बात से उसके छोटे दादा को गुस्सा आ गया। उसने घर पर रखी एयरगन बच्चे पर तान दी, जिससे डर की वजह से बच्चा यहां-वहां भागने लगा।
दादा ने पहले उसे डराया, लेकिन जब वह पकड़ में नहीं आया तो एयरगन से फायरिंग कर दी। गन से निकला छर्रा बच्चे के पेट में धंस गया। केशकाल अस्पताल के डॉक्टर्स ने अस्पताल में एक्स-रे किया। इसमें पता चला कि सीने के ठीक नीचे मांसपेशियों में 2MM का छर्रा फंसा हुआ है।
स्लो पॉइजन से जान का खतरा
डॉक्टर डीके बिसेन ने दैनिक भास्कर से कहा कि छर्रे का मूवमेंट नहीं है। छर्रा लगने के बाद शरीर के अंदर और बाहर दोनों तरफ से खून नहीं निकला है। 2MM के छर्रा को जितनी जल्दी निकाल लिया जाए उसके स्वास्थ्य के लिए बेहतर है। वरना जहर धीरे-धीरे शरीर में फैल सकता है।
डॉक्टर डीके बिसेन ने बताया कि केशकाल में छर्रा निकालने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली, जिसके बाद बेहतर इलाज के लिए उसे फौरन कोंडागांव जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।फिलहाल बच्चे की स्थिति ठीक है।
SDOP बोले- जांच जारी
केशकाल SDOP अरुण नेताम ने दैनिक भास्कर से कहा कि दादा ने एयरगन से गोली चलाई है। थाना प्रभारी मौके पर हैं। परिजनों का बयान ले रहे हैं। जांच जारी है। जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई की जाएगी। वहीं SDOP से पूछा गया कि क्या एयरगन रखना गैरकानूनी है या फिर इसके लिए लाइसेंस की जरूरत होती है?
इस पर उन्होंने कहा कि न तो गैरकानूनी है और न ही लाइसेंस की जरूरत होती है। इसका इस्तेमाल सिर्फ पक्षियों के शिकार के लिए होता है। फिलहाल हम कार्रवाई कर रहे हैं। हालांकि सरकार ने एयरगन के लिए नियम तय किए हैं।
ऑनलाइन और ऑफलाइन उपलब्ध है एयरगन
एयरगन ऑनलाइन या ऑफलाइन आसानी से उपलब्ध हैं। एयरगन पिस्टल (शॉर्ट गन) की कीमत 3 हजार से 4 हजार रुपए तक है। एयरगन स्नाइपर (लॉन्ग गन) की कीमत बेसिक 5 हजार से 10 हजार रुपए तक है। इससे ज्यादा कीमत में बेहतर क्वालिटी की गन मिल जाती है। गांव-गांव में अब पक्षियों के शिकार के लिए ग्रामीण एयरगन रखने लगे हैं।
इसके लिए लगता है लाइसेंस
कुछ समय पहले केंद्र सरकार ने कलेक्टर्स को पत्र के माध्यम से कहा था कि एयरगन के लिए भी लाइसेंस देना अनिवार्य कीजिए, जिसके बाद 22 बोर या उससे अधिक बोर वाली एयरगन रखने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य किया गया, जबकि थूथन ऊर्जा 20 जूल से कम और कैलिबर 0.177 इंच से कम है, तो एयरगन और एयर राइफल के लिए लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती है।
लाइसेंस पाने के लिए ये हैं नियम
- एयरगन के लिए आपको कलेक्टर कार्यालय में आवेदन करना होगा।
- लाइसेंस के लिए 1 हजार रुपए फीस और रिन्यूअल के लिए 500 रुपए फीस लगेगी।
- लाइसेंस के लिए पहचान पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर ID, राशन कार्ड जैसे दस्तावेज की जरूरत होगी।
- लाइसेंस लेने के लिए पूरी प्रक्रिया निर्धारित है। जिसकी जानकारी कलेक्ट्रेट कार्यालय से भी मिल सकती है।
- नए नियम में .22 बोर एयरगन रखने वाले लोगों के लिए शस्त्र लाइसेंस लेना अनिवार्य है।