सीजी भास्कर, 12 मार्च । छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के सुहेला तहसील कार्यालय में भूमि विवाद से मानसिक रूप से परेशान 67 वर्षीय किसान हीरालाल साहू ने बुधवार को तहसील कार्यालय में तहसीलदार के कथित दुर्व्यवहार से आहत होकर कीटनाशक दवा (Kisan Ne Khaya Jahar) खा ली। इतना ही नहीं, उसने अपने 35 वर्षीय पुत्र मालिक राम के मुंह में भी जहर डालने का प्रयास किया। फिलहाल किसान का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जारी है, जहां डॉक्टरों ने उनकी स्थिति गंभीर बताई है और उन्हें बलौदाबाजार जिला अस्पताल रेफर किया है।
पीड़ित किसान के पुत्र मालिक राम ने बताया कि उसके दादा के नाम की 52 डिसमिल भूमि पर गांव के ही शिवकुमार साहू ने कब्जा कर रखा है। इस मामले को लेकर उन्होंने तहसील कार्यालय में आवेदन दिया था, लेकिन कई पेशियों के बाद भी न्याय नहीं मिला।
पिछली पेशियों में भी तहसीलदार कुणाल सरवैया द्वारा अपमानित किया गया था और बुधवार को जब उनके पिता ने तहसीलदार से शीघ्र निराकरण की मांग की तो तहसीलदार ने डांटकर भगा दिया और पुलिस बुलाने की धमकी दी। इससे आहत होकर हीरालाल साहू ने जेब से कीटनाशक निकालकर पी लिया।
प्रशासनिक रवैये पर उठे सवाल (Kisan Ne Khaya Jahar)
घटना की जानकारी मिलने पर ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष भुवनेश्वर वर्मा और पूर्व समिति अध्यक्ष संतोष चंद्राकर अस्पताल पहुंचे और परिजनों से मुलाकात कर डाक्टरों से उचित इलाज की अपील की। जिला कांग्रेस अध्यक्ष हितेंद्र ठाकुर ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा सरकार के राजस्व मंत्री क्षेत्र के विधायक होते हुए भी अधिकारियों पर नियंत्रण नहीं रख पा रहे हैं।
तहसीलदार ने आरोपों को नकारा (Kisan Ne Khaya Jahar)
तहसीलदार कुणाल सरवैया ने किसान के आरोपों को नकारते हुए कहा कि हीरालाल साहू न्यायालय पर दबाव बना रहे थे, जबकि उनके प्रकरण पर उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है। वहीं थाना प्रभारी नरेश दीवान ने बताया कि किसान द्वारा तहसील कार्यालय में जहर खाने की सूचना मिली है, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई लिखित रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है। फिलहाल किसान की स्थिति गंभीर बनी हुई है और परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं।