सीजी भास्कर 27 मार्च। देश भर में औरंगजेब को लेकर छिड़े विवाद के बीच वाराणसी में पिछले कुछ दिनों से कई हिंदूवादी संगठनों ने मुस्लिम मोहल्लों के नाम बदलने की मांग उठाई थी। वाराणसी नगर निगम में अब इसकी कवायद तेज हो गई है. आज होने वाली कार्यकारिणी की बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी। जगतगुरु रामभद्राचार्य ने भी अपने वाराणसी आगमन पर काशी के मुस्लिम मोहल्लों के नाम बदलने की पैरवी की थी।
नगर निगम में होने वाली कार्यकारिणी की बैठक में जहां अलग-अलग तमाम विषयों पर चर्चा होनी है। बिंदु संख्या 5 के 8वें कॉलम पर वाराणसी शहर के अन्दर स्थित मोहल्ला औरंगाबाद का नाम बदलकर लक्ष्मीनगर या नारायणी धाम नगर किए जाने के संदर्भ में चर्चा होगी. 20 मार्च को विश्व वैदिक सनातन न्यास की ओर से वाराणसी के औरंगाबाद नगर का नाम बदलने की मांग वाला एक पत्र नगर आयुक्त को सौंपा गया था।
मैं मोदीजी से यह कहूंगा – रामभद्राचार्य
इसके अलावा 24 मार्च को काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान जगतगुरु रामभद्राचार्य से जब पूछा गया कि काशी में ऐसे कई इलाके जिनका नाम मुगल आक्रांताओं पर हैं, तो उन्होंने कहा था कि सभी के नाम बदलने होंगे। उन्होंने कहा था कि मोदी जी मेरे अच्छे मित्रों में से हैं, मैं उनसे यह कहूंगा।
सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने बताया कि मदनपुरा गोल चबूतरा का नाम सिद्ध पीठ/ सिद्ध महाल होना चाहिए, खालिसपुरा का नाम बदलकर ब्रह्मेश्वर महाल या ब्रह्म तीर्थ हो. इसी प्रकार गोलगड्डा का नाम बदलकर विश्वकर्मा नगर या विश्वकर्मा तीर्थ, पीलीकोठी का नाम बदलकर स्वर्णतीर्थ, कज्जाकपुरा/सरैया का नाम बदलकर अनारस तीर्थ, अंबिया मंडी का नाम बदलकर अमरेश्वर तीर्थ और चौखंबा या जिसे दस्तावेजों में मुस्लिम नाम अमिरचंद के नाम से जानते हैं उसका नाम भी बदलना चाहिए।
ऐसे ही काशी के 50 से ज्यादा मोहल्ले हैं, जिनका नाम मुस्लिम नाम पर है. इन सभी के नाम बदले जाने चाहिए. इसको लेकर वाराणसी नगर निगम के मेयर को पत्र सौंपा गया था. जिस पर उन्होंने काशी के विद्वानों से आह्वान किया था कि तीर्थों के तीर्थस्थ के रक्षार्थ सभी शास्त्री प्रमाण को प्रस्तुत करें. नगर निगम के जन सूचना अधिकारी संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि कुछ संस्थाओं द्वारा मोहल्लों के नाम बदलने को लेकर आवेदन दिया गया था। आज कार्यकारिणी की बैठक में इस पर चर्चा होगी।