सीजी भास्कर, 31 मार्च। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुग्राम के नामी बिल्डर सिद्धार्थ चौहान और उनकी कंपनियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 94.82 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां जब्त की हैं. ये संपत्तियां जमीन के प्लॉट, एक रिहायशी मकान और एक कमर्शियल बिल्डिंग के रूप में हैं, जो गुरुग्राम, हरियाणा में स्थित हैं. ईडी ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की है.
ईडी की जांच में सामने आया कि सिद्धार्थ चौहान उनकी कंपनी M/s Sidhartha Buildhome Pvt. Ltd. (SBPL) और अन्य व्यक्तियों ने होमबायर्स को ठगा. लोगों को घर देने का वादा कर उनसे मोटी रकम ली गई लेकिन तय समय पर न तो फ्लैट दिए गए और न ही पैसा लौटाया गया. इससे सैंकड़ों परिवार ठगे गए.
क्या है मामला?
गुरुग्राम और आसपास के इलाकों में पिछले कुछ वर्षों में कई रियल एस्टेट घोटाले सामने आए हैं. बड़े-बड़े बिल्डरों ने ग्राहकों को फ्लैट और प्लॉट देने का वादा कर उनसे करोड़ों रुपये जुटाए लेकिन बाद में या तो प्रोजेक्ट अधूरे छोड़ दिए या ठगी करके गायब हो गए. सिद्धार्थ चौहान और उनकी कंपनी SBPL पर ऐसे ही कई होमबायर्स से पैसे लेने और फिर उन्हें घर न देने के आरोप हैं. पीड़ितों की शिकायतों के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की जांच शुरू की थी. ईडी को संदेह है कि होमबायर्स से वसूली गई राशि को गलत तरीके से दूसरी संपत्तियों में निवेश किया गया.
कैसे हुई कार्रवाई?
ईडी ने जांच के दौरान सिद्धार्थ चौहान और उनकी कंपनियों से जुड़े बैंक खाते, दस्तावेज और लेन-देन की गहन जांच की. जांच में यह पाया गया कि हजारों लोगों की गाढ़ी कमाई का पैसा बेईमानी से हड़प लिया गया और अवैध संपत्तियों में लगाया गया. इसी के आधार पर ईडी ने गुरुग्राम में 94.82 करोड़ की संपत्तियों को अटैच कर दिया.
होमबायर्स के लिए उम्मीद की किरण
ईडी की इस कार्रवाई से उन लोगों को राहत मिल सकती है, जिन्होंने सिद्धार्थ चौहान की कंपनी में निवेश किया था और अब तक फ्लैट या प्लॉट का इंतजार कर रहे थे. सरकार और जांच एजेंसियों की कोशिश है कि धोखाधड़ी करने वाले बिल्डरों पर सख्त कार्रवाई की जाए और पीड़ितों को उनका हक मिल सके.
क्या होगा आगे?
ईडी अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है. जल्द ही और संपत्तियां जब्त की जा सकती हैं. साथ ही अगर आरोप साबित होते हैं तो सिद्धार्थ चौहान और उनकी कंपनी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकती है. बिल्डरों की ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे रियल एस्टेट में पैसा लगाने से पहले सभी जरूरी कानूनी जांच-पड़ताल कर लें, ताकि ठगी का शिकार न हों.