सीजी भास्कर, 05 अप्रैल। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य की विपक्षी पार्टियों पर धर्म, संप्रदाय और जाति के नाम पर जहर फैलाने का आरोप लगाया है।
उन्होंने शुक्रवार को हजारीबाग में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 46वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए राज्य के लोगों से विभाजनकारी ताकतों से सतर्क रहने और एकजुटता के साथ उनका मुंहतोड़ जवाब देने का आह्वान किया।
CM Hemant Soren ने कहा, “हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, आदिवासी, दलित और सभी वर्ग के लोगों की एकता ही झारखंड और देश की ताकत रही है. हमें संकल्प लेना होगा कि पर्व-त्योहार के मौके पर खुराफात फैलाने वालों के मंसूबे को किसी भी हाल में सफल नहीं होने देंगे.”
लोगों का घर से निकला कर दिया था मुश्किल- हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन के मुताबिक, “राज्य में जब भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन की सरकार थी, तब उन्होंने सांप्रदायिक उन्माद इस कदर फैला दिया था कि लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया था. यह झारखंड का दुर्भाग्य रहा कि जिन पार्टियों ने अलग राज्य का विरोध किया, राज्य बनने के बाद उन्हीं के हाथों में सबसे ज्यादा समय तक सत्ता रही. आखिरकार झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पूरी ताकत और बड़े संकल्पों के साथ लड़ाई लड़ी और 2019 में इन्हें सत्ता से उखाड़ फेंका.”
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि 2019 में सत्ता में आने के बाद केंद्र की सरकार के इशारे पर उन्हें लगातार पांच वर्षों तक लोगों को परेशान किया और झूठे आरोपों के तहत जेल भिजवा दिया गया. उन्होंने दावा किया कि अगर वे लोकसभा चुनाव के दौरान जेल के बाहर होते तो राज्य की एक भी सीट भारतीय जनता पार्टी के पास नहीं जाती.
हर व्यक्ति के चेहरे पर खुशहाली- सीएम
उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा आंदोलनकारियों के खून-पसीने से सींची गई पार्टी है. हमारा संकल्प है कि हम राज्य में हर व्यक्ति के चेहरे पर खुशहाली की मुस्कान लाएंगे।
हमारी सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उनके बैंक खाते में सीधे रकम भेजना शुरू किया. राज्य में आज एक भी बुजुर्ग ऐसा नहीं है, जो पेंशन से वंचित हो. हमने जनता से जितने भी वादे किए हैं, सबको एक-एक कर धरातल पर उतारेंगे।