सीजी भास्कर, 14 अप्रैल। रविवार (13 अप्रैल) की रात को करीब 50 गाड़ियों में गोवंश होने की सूचना मिलने के बाद जगह जगह गौरक्षकों ने इसका कड़ा विरोध किया।
गाड़ियों को रुकवाने का प्रयास किया लेकिन पुलिस प्रोटक्शन के चलते गो रक्षक सलूंबर से लगाकर बांसवाड़ा तक पुलिस सुरक्षा में गोवंश से भरी 50 गाड़ियों का काफिला जैसे तेसे गौरक्षकों के भारी विरोध के बाद भी मध्य प्रदेश बॉर्डर पहुंच गया।
वहां खड़े गो रक्षको ने इसकी सूचना मध्य प्रदेश पुलिस को दी. इसके बाद आधी रात को राजस्थान और मध्य प्रदेश का बॉर्डर जाम कर दिया।
हालात बेकाबू होते देख मौके पर पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाल और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश भारद्वाज, डीएसपी गोपीचंद मीणा मौके पर पहुंचे गोवंश से भरे ट्रक चालकों के पास लाठी डंडे भी मिले।
बांसवाड़ा की गौशालाओं में भेजे गए गोवंश : साथ में एक नागौर डीएम का लिखा हुआ लेटर जिसमें कहीं भी मध्य प्रदेश जाने का हवाला नहीं था और ना ही खरीदार से जुड़े कागजात, उसी के चलते स्थिति असंजस बनी. मध्य प्रदेश की पुलिस द्वारा एंट्री नहीं दिए जाने पर गोवंश वापिस बांसवाड़ा के अलग अलग गौ शालाओं में भेजे गए।
‘नागौर मेले से लाए जा रहे थे गोवंश’ : SP हर्षवर्धन अग्रवाल ने बताया कि गाड़ियों में भरे हुए हो गोवंश नागौर मेले से आए हैं कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हो जाए इसके लिए पुलिस को सुरक्षा देनी जरूरी होती है।
डीएम के लिखे कागज पर मध्यप्रदेश का हवाला नहीं होने को लेकर भी उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है। जांच जारी है कि आखिरकार कहां से लेकर आए और कौन इन्हें लेकर जाकर रहा है इतनी गोवंश का कौन मालिक है फिलहाल सभी गाड़ियों में भरे हुए गोवंश को बांसवाड़ा के अलग-अलग गौशालाओं में खाली करवा दिया गया है।
सांसद राजकुमार रोत ने लगाया आरोप : गौवंश से भरी 50 गाड़ियों पर सियायत भी तेज हो गई। भारत आदीवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत ने सरकार और गो तस्करी को लेकर कई सवाल खड़े किए। साथ ही पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए सरकार कि मिलीभगत होने का दावा किया। उन्होंने इस मामले को लेकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।