सीजी भास्कर, 15 अप्रैल। CBI ने ऑपरेशन चक्र-V के तहत डिजिटल अरेस्ट मामले में बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने राजस्थान के डिजिटल अरेस्ट को अंजाम देने वाले संगठित सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले में ठगी करने वाले गैंग के 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।
इन चारों लोगों की गिरफ्तारी 12 अलग-अलग जगहों पर सर्च ऑपरेशन चलाने के बाद की गई. पकड़े गए चारों आरोपी मुंबई और मुरादाबाद के रहने वाले हैं. इस मामले में साइबर अपराधियों ने विभिन्न प्रवर्तन एजेंसी के अधिकारी और कर्मचारी बनकर तीन महीने से अधिक समय तक पीड़ित व्यक्ति को तीन महीने तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा था.
42 बार में की गई 7 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी
सीबीआई डिजिटल अरेस्ट के इन मामलों में कई एंगल से जांच कर रही है, ताकि इस तरह के अपराध के नेटवर्क को पूरी तरह खत्म किया जा सके. हाल के महीनों में डिजिटल अरेस्ट से जुड़ी कई शिकायतें दर्ज की गई हैं।
इसी सिलसिले में सीबीआई ने राजस्थान सरकार के अनुरोध पर झुंझुनू साइबर थाना में दर्ज केस को अपने हाथ में लिया था. झुंझुनू के इस मामले में एक शख्स को फर्जी तरीके से पुलिस और दूसरे सरकारी एजेंसियों के नाम पर डिजिटल तरीके से तीन महीने तक “हाउस अरेस्ट” में रखा गया था। इस दौरान उससे 42 बार में कुल 7.67 करोड़ की ठगी की गई।
सीबीआई ने गहराई से की मामले की जांच
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने केस की गहराई से जांच की, जिसमें टेक्निकल एनालिसिस और डेटा प्रोफाइलिंग का भी सहारा लिया गया।
जांच के दौरान मिले सुरागों के आधार पर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और संभल, महाराष्ट्र के मुंबई, राजस्थान के जयपुर और पश्चिम बंगाल के कृष्णनगर में सर्च ऑपरेशन चलाया गया. इस दौरान बैंक के डिटेल्स, डेबिट कार्ड, चेक बुक, डिपॉजिट स्लिप और कई तरह के डिजिटल उपकरण समेत कई अहम सबूत बरामद किए गए।
इस मामले में गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है. हालांकि, मामले की जांच अभी भी जारी है.