सीजी भास्कर, 06 मई। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक पीड़ित परिवार (Raigarh Auto Arson) इंसाफ की तलाश में सड़कों पर उतर आया। ऑटो जलाकर पूरी आजीविका को तबाह कर दिए जाने के बाद जब पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो परिवार ने हाथों में तख्ती लेकर एसपी कार्यालय की ओर रुख किया।
तख्ती में लिखा था – “एसपी साहब मेरे परिवार को गोली मरवा दीजिए या हमें न्याय दिलाइए।” इस मार्मिक अपील ने राहगीरों का ध्यान खींचा और मामला एक बार फिर चर्चाओं में आ गया।
घटना 27 अप्रैल की रात इंदिरा नगर क्षेत्र की है, जहां रहने वाले मानिक दास महंत (40) रोज की तरह ऑटो (Raigarh Auto Arson) चलाकर लौटे और घर के बाहर ऑटो खड़ा कर सो गए।
रात करीब 2 बजे घर में धुआं भरने लगा। जब दरवाजा खोला गया, तो देखा गया कि ऑटो पूरी तरह जल रहा था। मानिक ने तत्काल कोतवाली थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन सप्ताह भर बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
परिवार (Raigarh Auto Arson) का कहना है कि ऑटो ही उनकी एकमात्र आमदनी का जरिया था। उसी से किस्तें चुकानी थीं और बच्चों का भरण-पोषण होता था। कार्रवाई न होते देख, मानिक अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ तख्ती लेकर एसपी कार्यालय पहुंचा, जिसमें अपील की गई थी कि या तो उन्हें इंसाफ दिया जाए या जीवन समाप्त कर दिया जाए। यह दृश्य देख लोग हैरान रह गए।
जानकारी मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और परिवार को कार्रवाई का भरोसा देकर थाने ले आई। थाना प्रभारी सुखनंदन पटेल ने बताया कि मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है।
अज्ञात आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मानिक दास का कहना है कि वह फाइनेंस से ऑटो खरीदकर परिवार पालते थे। अब न तो किस्त भरने के पैसे हैं और न ही कमाई का कोई जरिया बचा है। उन्हें अब भी पुलिस और प्रशासन से न्याय की उम्मीद है।