सीजी भास्कर, 18 मई। भारत ने 7 प्रतिनिधिमंडल (All-Party Delegation) बनाए हैं जो वैश्विक मंच पर आतंकवाद के मुद्दे पर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की पोल खोलेंगे। फिलहाल ऑल पार्टी डेलिगेशन को लेकर कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर है। ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस ने 4 सांसद के नाम भेजे थे जिनमें से प्रतिनिधिमंडल में एक को ही शामिल किया गया। इसी को लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि उन्हें अपनी अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए।
कांग्रेस ने भेजे थे 4 नाम (All-Party Delegation)
कांग्रेस सांसद ने कहा कि आप क्रोनोलॉजी समझिए। 16 तारीख को सरकार की तरफ से किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से बात की और सर्वदलीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के लिए हमारी पार्टी से 4 नामों की मांग की। राहुल गांधी ने पत्र लिखा और 16 तारीख को 12 बजे से पहले हमने 4 नाम भेजे- आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, नासिर हुसैन और राजा बरार। सरकार की शुरू से ही शरारती मंशा थी, उन्होंने 4 और नाम जोड़े जो इसमें नहीं हैं, इसमें से सिर्फ आनंद शर्मा का नाम है।
‘अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए’ (All-Party Delegation)
जयराम रमेश ने कहा कि हम क्या कह सकते हैं, ये हमारे सांसद हैं, कांग्रेस पार्टी के सांसद हैं, उन्हें अपनी अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए लेकिन हमारी पार्टी की तरफ से हमने 4 नाम दिए। हम जानते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिकरण किया जा रहा है।
लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का मानना है कि राष्ट्रीय हित सबसे महत्वपूर्ण है सर्वोपरि, सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने हमारी सूची से केवल एक नाम शामिल किया है, 4 और हमारे सांसद हैं, वे पार्टी के प्रतिनिधि नहीं हैं, लेकिन उन्हें अपनी अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए और इस पर राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।