सीजी भास्कर, 23 जून। छत्तीसगढ़ सरकार के ‘Rice Utsav‘ कार्यक्रम के अंतर्गत गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को तीन महीने का राशन एक साथ बांटा जा रहा है। लेकिन गरियाबंद जिले में यह योजना अब अव्यवस्था और अफरा-तफरी का कारण बनती जा रही है। सरकारी राशन दुकानों पर टेक्निकल गड़बड़ियों के चलते भीड़ बेकाबू हो रही है और हालात इतने खराब हैं कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है।
OTP और फिंगरप्रिंट वेरिफिकेशन बाधा
राशन वितरण में सबसे बड़ी समस्या बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन को लेकर सामने आ रही है। उपभोक्ताओं का फिंगरप्रिंट या OTP सिस्टम सही तरीके से काम नहीं कर रहा, जिससे प्रति दिन सिर्फ 20–25 लोगों को ही राशन मिल पा रहा है।
कई उपभोक्ताओं का आरोप है कि सर्वर बार-बार डाउन हो जाता है, OTP नहीं आता या फिर मशीन फिंगरप्रिंट पहचान नहीं पाती। इससे लोगों को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ता है।
भीड़ के कारण भगदड़ और झगड़े
राशन दुकान खुलते ही उपभोक्ता एक साथ धक्का-मुक्की करते हुए दुकान में घुसने की कोशिश करते हैं, जिससे कई जगह भगदड़ की स्थिति बन रही है। महिलाएं, बुजुर्ग और छोटे बच्चे इस अव्यवस्था का सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं।
स्थिति यह है कि कई दुकानदारों ने राशन दुकान का दरवाजा तक बंद कर दिया है, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
लोगों की मांग : व्यवस्था में हो सुधार
उपभोक्ताओं का कहना है कि वे एक सप्ताह से लगातार आ रहे हैं, लेकिन अब तक राशन नहीं मिल पाया है। हर दिन नई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
लोगों ने कुछ अहम सुझाव दिए हैं :
- वार्डवार राशन वितरण किया जाए
- दुकान का समय सुबह जल्दी किया जाए
- सैल्समैन की संख्या बढ़ाई जाए
- तकनीकी समस्या के समाधान के लिए तकनीकी स्टाफ की तैनाती हो
एक महिला उपभोक्ता ने कहा, “अगर दुकान सुबह 10 बजे के बजाय 7 बजे ही खुल जाए तो धूप से भी राहत मिलेगी और भीड़ भी कंट्रोल में रहेगी।”
प्रशासन का हस्तक्षेप शुरू
जिला प्रशासन ने इस स्थिति पर संज्ञान लेते हुए कुछ संवेदनशील दुकानों पर पुलिस बल तैनात किया है। अधिकारियों का कहना है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं आया, तो राशन वितरण प्रणाली को विकल्प आधारित तरीकों से पुनः व्यवस्थित किया जाएगा।