Rane’s statement on Thackeray brothers: महाराष्ट्र की राजनीति में ‘ठाकरे बनाम ठाकरे’ की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने एक बार फिर उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला बोला है. राणे ने उद्धव ठाकरे द्वारा राज ठाकरे को फिर से साथ लाने की कोशिशों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जो कभी उन्हें पार्टी से निकालने के लिए जिम्मेदार थे, अब वही भाईचारे की बात कर रहे हैं.
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “यही उद्धव ठाकरे थे जिन्होंने राज ठाकरे को तंग किया, अपमानित किया और पार्टी से बाहर जाने के लिए मजबूर किया. आज वही उनके आगे-पीछे घूम रहे हैं.
“राज, शिंदे और मैं शिवसेना की रीढ़ थे
नारायण राणे ने अपने पोस्ट में दावा किया कि राज ठाकरे, एकनाथ शिंदे, गणेश नाइक और उन्होंने खुद मिलकर शिवसेना को ताकत दी थी. लेकिन उद्धव ठाकरे ने एक-एक कर सभी को दरकिनार कर दिया. उन्होंने कहा कि आज जो शिवसेना की हालत है, उसके लिए पूरी तरह उद्धव जिम्मेदार हैं.
बालासाहेब ने सत्ता दिलाई, उद्धव ने सब गंवाया
राणे ने लिखा, बालासाहेब ठाकरे ने शिवसेना को सत्ता तक पहुंचाया था, लेकिन उद्धव ठाकरे ने उसी सत्ता को गंवा दिया. आज मराठी जनता और हिंदू समाज ने उन्हें घर बैठा दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि जो नेता शिवसेना को खड़ा करने में लगे थे, उन्हें एक-एक कर निकाल बाहर किया गया. यही कारण है कि आज शिवसेना अपने सबसे कमजोर दौर से गुजर रही है.
राणे आगे लिखा, ‘जो चला गया, वो फिर कभी वापस नहीं आता- जो बूंद से गई, वो हौद से नहीं आती.’ इस टिप्पणी को उद्धव ठाकरे द्वारा राज ठाकरे को दोबारा साथ लाने की कोशिशों पर सीधा तंज माना जा रहा है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उद्धव ठाकरे अपने सियासी समीकरण दुरुस्त करने में लगे हैं. माना जा रहा है कि राज ठाकरे के साथ गठबंधन या सुलह की संभावना तलाशी जा रही है. लेकिन राणे जैसे बीजेपी नेताओं का यह तीखा विरोध इस ‘घर वापसी’ योजना को बड़ा झटका साबित हो सकता है.