सीजी भास्कर, 02 जुलाई : छत्तीसगढ़ सरकार ने खनिज संसाधनों के बेहतर दोहन और औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। राज्य में चूना पत्थर, लौह अयस्क और बॉक्साइट जैसे महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की ई-नीलामी (Mineral Block Auction in Chhattisgarh) प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इसी क्रम में नवा रायपुर अटल नगर में आज एक प्री-बिड सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर से खनिज क्षेत्र के निवेशकों ने भाग लिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव एवं खनिज विभाग के सचिव पी. दयानंद ने कहा कि राज्य सरकार “विकसित भारत, विकसित छत्तीसगढ़” के संकल्प के साथ नई औद्योगिक नीति को धरातल पर उतार रही है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ देश का ऐसा राज्य है, जहां 28 से अधिक प्रमुख खनिजों की प्रचुरता है—जिसमें कोयला, चूना पत्थर, डोलोमाइट, लौह अयस्क, बॉक्साइट, टिन, लीथियम, कोबाल्ट और रेयर अर्थ एलिमेंट्स शामिल हैं।
राज्य में अब तक 51 खनिज ब्लॉकों की सफल नीलामी की जा चुकी है और आने वाले समय में इस संख्या को और बढ़ाने का लक्ष्य है। खनिज सचिव ने बताया कि राज्य सरकार ने एक स्पेशल टास्क फोर्स गठित की है जो विभिन्न खनिज समूहों पर अनुसंधान कर रही है। इसके अतिरिक्त सोनाखान भवन में एक अत्याधुनिक ड्रिल कोर लाइब्रेरी स्थापित की जा रही है, जिससे अन्वेषण की गुणवत्ता को और अधिक सटीक बनाया जा सके।
प्रस्तावित नीलामी (Mineral Block Auction in Chhattisgarh) में कुल 9 खनिज ब्लॉक शामिल हैं—जिसमें 4 चूना पत्थर, 2 लौह अयस्क, और 3 बॉक्साइट ब्लॉक हैं। इनमें से कई ब्लॉकों में औद्योगिक ग्रेड संसाधन मौजूद हैं। विशेष रूप से चूना पत्थर के ब्लॉकों में 200 मिलियन टन से अधिक भंडार दर्ज है, जो बलौदाबाजार, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में स्थित हैं। इन खनिजों में औसतन 42 प्रतिशत से अधिक कैल्शियम ऑक्साइड की मात्रा है, जो सीमेंट उद्योगों के लिए अत्यंत उपयुक्त है।
खनिज सचिव दयानंद ने निवेशकों से अपील की कि वे छत्तीसगढ़ को खनिज निवेश के एक प्रमुख केंद्र के रूप में देखें और राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीतियों का लाभ उठाएं। सरकार की प्रतिबद्धता है कि निवेशकों को पारदर्शिता, त्वरित अनुमतियां और सभी आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा।
खनिज विभाग के संचालक रजत बंसल ने ई-नीलामी प्रक्रिया (Mineral Block Auction in Chhattisgarh) की तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि निविदा पोर्टल पर सभी आवश्यक विवरण अपलोड किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित ब्लॉकों वाले क्षेत्रों में रेलवे व सड़क जैसी मजबूत आधारभूत संरचना, स्थानीय श्रमशक्ति, और लॉजिस्टिक नेटवर्क की पर्याप्त उपलब्धता है, जिससे प्रति वर्ष 3-4 मिलियन टन उत्पादन क्षमता वाले उद्योग स्थापित करना संभव और व्यावसायिक रूप से लाभकारी होगा। राज्य सरकार का यह प्रयास न केवल औद्योगिक विकास को गति देगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर व्यापक रोजगार सृजन, सामाजिक आर्थिक प्रगति और खनिज संसाधनों के जिम्मेदार उपयोग को भी सुनिश्चित करेगा।