केरल विश्वविद्यालय में 2 जुलाई को आयोजित हुए कार्यक्रम के बाद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को सस्पेंड कर दिया था. कार्यक्रम में विवादित तस्वीर दिखाए जाने और बिना इजाजत आयोजन करने पर राज्यपाल नाराज हो गए थे. कार्यक्रम में भारत माता को भगवा झंडा लिए हुए दिखाया गया. इस पर राज्यपाल ने नाराजगी जाहिर करते हुए कुलपति से रिपोर्ट मांगी थी, जांच के बाद रिपोर्ट सौंपी गई थी और रजिस्ट्रार को सस्पेंड कर दिया गया था. इसी मामले में रजिस्ट्रार ने हाईकोर्ट का रुख किया था.
केरल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के निलंबन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केरल हाईकोर्ट ने सवाल किया कि कैसे भारत माता एक धार्मिक प्रतीक हो सकती है और उसके चित्र को प्रदर्शित करने से कानून-व्यवस्था की समस्या कैसे पैदा हो सकती है.
हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार के अंतरिम निवेदन को खारिज करते हुए पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. विश्वविद्यालय के कुलपति की तरफ से रजिस्ट्रार के निलंबन पर भी अदालत ने सवाल उठाए हैं. कोर्ट ने कहा कि फोटो में ऐसा क्या था जो उत्तेजक था? और इसको लगाने से केरल में कानून व्यवस्था की समस्या क्यों खड़ी हो सकती थी?
कैसे किया कार्यक्रम कैंसिल? – कोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार से साफ शब्दों में कहा कि जब कार्यक्रम में राज्यपाल खुद मौजूद थे, जो कि यूनिवर्सिटी के चांसलर होते हैं. उनकी बिना इजाजत के ये कार्यक्रम किया गया और उनके बिना अनुमति के कैसिंल किया?रजिस्ट्रार ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि राज्यपाल के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले नोटिस जारी किया गया था और उनके पास इसे साबित करने के लिए सबूत हैं. मामले की अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी.
रजिस्ट्रार ने बताया क्यों किया कार्यक्रम कैंसिल
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि फोटो के प्रदर्शन को लेकर माकपा और बीजेपी की छात्र शाखाओं – क्रमशः स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बीच झड़प हुई थी. इसी को देखते हुए कार्यक्रम कैंसिल किया गया.