सीजी भास्कर, 16 जुलाई। छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़ोन में दो दशक से ज्यादा समय तक सक्रिय रहे हार्डकोर नक्सली दंपती ने आखिरकार हथियार डाल दिए हैं। दोनों माओवादी तेलंगाना राज्य पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इस सरेंडर को सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी कामयाबी और नक्सल संगठन के लिए गहरा झटका माना जा रहा है।
कौन हैं ये नक्सली?
सरेंडर करने वालों में शामिल हैं:
- लच्छन्ना उर्फ गोपन्ना – DKSZCM (Dandakaranya Special Zonal Committee Member), जिस पर ₹25 लाख का इनाम था
- अंकुबाई उर्फ अनितक्का – DVCM (Divisional Committee Member), जिस पर ₹8 लाख का इनाम था
दोनों नक्सली तेलंगाना के रामागुंडम कमिश्नर ऑफिस में सामने आकर आत्मसमर्पण किए।
दो दशक की हिंसा छोड़ शांति की राह
लच्छन्ना पिछले 22 सालों से नक्सल संगठन का हिस्सा था। वर्ष 2007 में इसे उत्तर बस्तर के टेक्निकल डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी दी गई थी। वहीं, वर्ष 2023 में इसे DKSZCM का बड़ा पद सौंपा गया।
वहीं, उसकी पत्नी अनितक्का भी साल 2002 से संगठन में सक्रिय थी। पहले ACM (Area Committee Member) बनी, फिर 2007 में टेक्निकल डिपार्टमेंट में स्थानांतरित हुई और बाद में DVCM के पद पर पहुंची।
बस्तर की नब्ज जानते हैं दोनों, पुलिस को मिल सकती हैं अहम जानकारियां
सरेंडर के बाद इन दोनों से पूछताछ की जा रही है। चूंकि दोनों ने बस्तर जैसे अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लंबे समय तक काम किया है, इसलिए पुलिस को इनके जरिए नक्सली मूवमेंट, नेटवर्क, हथियार सप्लाई और वित्तीय लेनदेन से जुड़ी गोपनीय जानकारियां मिल सकती हैं।
CG पुलिस ने भी इनके पुराने रिकॉर्ड और आपराधिक इतिहास खंगालना शुरू कर दिया है।
यह सरेंडर है नक्सल संगठन के लिए झटका?
पुलिस के मुताबिक, ये सरेंडर मोरल और इंटेलिजेंस दोनों स्तर पर माओवादियों के लिए घाटे का सौदा है
इन दोनों नक्सलियों की गिनती संगठन के रणनीतिक मास्टरमाइंड में होती थी
टेक्निकल सपोर्ट से लेकर प्लानिंग तक की जिम्मेदारी संभालते थे