सीजी भास्कर, 07 जुलाई। छत्तीसगढ़ राज्य के अजा अजजा बहुल इलाकों के हित में आवास एवं शहरी विकास मंत्री तोखन साहू से भाजपा नेत्री एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण छग शासन की पूर्व सदस्य रत्नावली कौशल ने भेंटकर उन्हें ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन में छत्तीसगढ़ के समग्र विकास हेतु केंद्रीय मद से फंड उपलब्ध कराने एवं राज्य के अनुसूचित जाति जनजाति बहुल इलाकों में उनके विभाग के अधीन योजनाओं के तहत अधिक से अधिक कार्यों को स्वीकृति देने का आग्रह केंद्रीय मंत्री श्री साहू से किया है।
पीएम आवास योजना का कोटा बढ़ाए जाने की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार की अकर्मण्यता के कारण राज्य के छोटे मंझोले शहरों में बुनियादी सुविधाएं पूरी तरह से उपलब्ध नहीं हो पाई। विष्णु देव साय सरकार इन शहरों और पूरे राज्य के विकास के लिए संकल्पित होकर काम कर रही है फिर भी केंद्रीय योजनाओं खासकर प्रधानमंत्री आवास योजना का कोटा बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। शहरी स्लम योजना और गंदी बस्ती विकास योजना पर आज भी राज्य में बहुत काम की आवश्यकता है। शहरों में सड़कों की स्थिति भी ठीक नहीं है, सुव्यवस्थित सड़कों के निर्माण के लिए भी केंद्रीय मद से आबंटन जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने स्वच्छ भारत अभियान चलाकर पूरे देश को स्वच्छता की ओर अग्रसर किया है। आज हर व्यक्ति निजी एवं सामुदायिक स्वच्छता के प्रति जागरूक हो गया है। खुले में शौच की प्रवृत्ति पर विराम लग गया है, इसके बावजूद हमारे राज्य के ज्यादातर शहर खुली नालियों की वजह से गंदगी मुक्त नहीं हो पाए हैं। शहरी निकासी नालियों की जगह ड्रेनेज सिस्टम को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए क्योंकि निकास नालियों से बरसाती पानी की पूरी तरह निकासी हो पाती और निचली बस्तियों के घरों में हर साल जल भराव की समस्या पैदा हो जाती है। ड्रेनेज सिस्टम से जहां हम पूर्ण स्वच्छता के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं वहीं निचली बस्तियों को डूबने से भी बचा सकते हैं।
छग के कई शहर आज भी भूजल पर आश्रित हैं…..रत्नावली
रत्नावली ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए जल जीवन मिशन से छत्तीसगढ़ के शहरों को भी जोड़े जाने की गुजारिश की है। उन्होंने मंत्री साहू को बताया है कि पेयजल के मामले में छत्तीसगढ़ के ज्यादातर शहर आज भी आत्मनिर्भर नहीं हो पाए हैं। नदियों व बांधों के आसपास स्थित बड़े शहर ही पेयजल के मामले में आत्म निर्भर हैं बाकि शहर आज भी भूजल पर आश्रित हैं, लगातार बढ़ रही गर्मी और पर्याप्त वर्षा न होने के कारण भूमिगत जल का स्तर तेजी से नीचे जा रहा है नतीजतन गर्मी के दिनों में भूमिगत जलस्त्रोत पर निर्भर शहरों में जलापूर्ति प्रायः चरमरा जाती है। ऐसे शहरों में निकटतम जलाशयों, तटबंधों, स्टॉप डेम या नदियों से वृहद जल योजना की स्वीकृति देकर जल प्रदाय की योजना स्वीकृत की जाए। इसके लिए जल जीवन मिशन के तहत विशेष पैकेज की व्यवस्था कराई जानी चाहिए। राज्य की नगर पंचायतों, नगर पालिकाओं के समग्र विकास के लिए अलग से योजना बनाकर इन निकायों में भी बड़े शहरों की तरह उच्च स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए ताकि हम छत्तीसगढ़ राज्य को मॉडल स्टेट बना सकें।