सीजी भास्कर 18 जुलाई
नई दिल्ली |
दिल्ली के ऐतिहासिक चांदनी चौक इलाके में चल रहे अनधिकृत निर्माण कार्यों पर सुप्रीम कोर्ट ने अब बेहद सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने सुनवाई के दौरान साफ शब्दों में कहा—“अगर कोई व्यक्ति एक भी ईंट अवैध रूप से रखता है, तो उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाए।”
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस पूरे मामले में नगर निगम (MCD) और बिल्डरों की मिलीभगत स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब समय आ गया है कि ऐसे घोटालों पर सख्त लगाम कसी जाए।
पुलिस को आदेश: चौकसी बढ़ाओ, तुरंत ऐक्शन लो
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को आदेश दिया है कि चांदनी चौक क्षेत्र में एक विशेष गश्त टीम तैनात की जाए। यह टीम सुनिश्चित करेगी कि MCD द्वारा जारी सभी डिमोलिशन नोटिसों—जिन पर कोई स्टे नहीं है—उनका कड़ाई से पालन हो। साथ ही, जिन संपत्तियों पर निर्माण जारी है, उन्हें तुरंत सील किया जाए।
DCP स्तर के अधिकारी को इस कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
बिल्डर-अधिकारी गठजोड़ पर भड़का कोर्ट
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एमसीडी पर सीधा सवाल उठाया—“क्या ये सब आपकी मिलीभगत से नहीं हो रहा?” न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि यदि स्थिति जल्द नहीं सुधरी तो अदालत पुलिस को सीधे हस्तक्षेप का आदेश दे सकती है।
कोर्ट ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसडी संजय से कहा कि डिफॉल्टर बिल्डरों को चिन्हित कर तुरंत गिरफ्तार किया जाए और यह देखा जाए कि “ऐसे लोगों को ज़मानत कौन देता है।”
एमसीडी की रिपोर्ट पर अदालत ने क्या कहा?
एमसीडी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव सागर द्वारा जमा की गई प्रगति रिपोर्ट पर कोर्ट ने तीखा सवाल किया। अदालत ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे “MCD अब जाकर नींद से जागी है,” लेकिन अब भी पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि किसी भी अवैध व्यावसायिक गतिविधि को रोकने के लिए संबंधित संपत्तियों को सील किया जा सकता है। MCD को एक विस्तृत निरीक्षण रिपोर्ट जमा करने का भी निर्देश दिया गया है।
CBI जांच के संकेत
पहले की सुनवाइयों में सुप्रीम कोर्ट ने चांदनी चौक में चल रही गतिविधियों पर CBI जांच की संभावना भी जताई थी। कोर्ट ने कहा कि आवासीय भवनों को व्यावसायिक परिसर में तब्दील करना अवैध है और इस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।