फरीदाबाद | CG Bhaskar |
हरियाणा के फरीदाबाद स्थित बादशाह खान सिविल अस्पताल में एक पाकिस्तानी हिंदू महिला ने जुड़वां बच्चों—एक बेटा और एक बेटी को जन्म दिया है। महिला का नाम दुर्गा है, जो अपने पति पुरुषोत्तम और बेटियों के साथ कुछ महीने पहले टूरिस्ट वीजा पर पाकिस्तान से भारत आई थी। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, मां और दोनों नवजात पूरी तरह स्वस्थ हैं और डॉक्टरों की निगरानी में हैं।
“भारत में मिला सुकून, अब नहीं जाना पाकिस्तान” — दुर्गा
बेड पर अपने नवजात बच्चों को गोद में लिए बैठी दुर्गा ने कहा—
“पाकिस्तान में हिंदू होना अब असुरक्षित महसूस होता है। वहां डर का माहौल था। यहां भारत में पहली बार सुकून मिला है।”
दुर्गा ने भारत सरकार से नागरिकता की मांग करते हुए कहा कि—
“मेरे बच्चे भारत में जन्मे हैं। उनका भविष्य यहीं है, तो फिर नागरिकता भी यहीं की मिलनी चाहिए।”
पति बोले– मेहनत से जी रहे, स्थायी निवास चाहिए
दुर्गा के पति पुरुषोत्तम ने बताया कि उनकी पहले से पांच बेटियां थीं, और अब जुड़वा बच्चों के साथ उनके कुल सात संतानें हो गई हैं। वे दिल्ली के भाटी माइंस इलाके में रहते हैं और मजदूरी और पूजा-पाठ से जीवन यापन करते हैं।
“हम जाति से ब्राह्मण हैं। पाकिस्तान में हमें कोई सम्मान नहीं मिला। यहां मेहनत कर रहे हैं, बस सरकार से यही अपील है कि हमें यहां रहने की अनुमति मिले।”
पुरुषोत्तम ने बताया कि उनका टूरिस्ट वीजा 23 दिसंबर 2024 से 20 जून 2025 तक वैध था, जो अब समाप्त हो चुका है, लेकिन वे वापस पाकिस्तान नहीं जाना चाहते।
50 साल से भारत में रह रहीं बुआ सास बोलीं— यहीं मिले सारे अधिकार
दुर्गा की बुआ सास वजीरा देवी, जो लगभग 50 साल पहले पाकिस्तान से भारत आई थीं, अब भाटी माइंस इलाके में रह रही हैं। उनका कहना है कि—
“मुझे यहां पेंशन, राशन कार्ड और नागरिकता मिल चुकी है। सरकार ने हमें गले लगाया है।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि उस इलाके में करीब 10,000 पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी लंबे समय से बसे हुए हैं और वे भी भारत सरकार से स्थायी समाधान की आस लगाए बैठे हैं।
सरकार से अपील: भारत में मिला सम्मान, अब चाहिए स्थायी पहचान
दुर्गा और उनका परिवार भारत में रहकर नई जिंदगी की शुरुआत करना चाहता है। अब देखना होगा कि भारत सरकार इन पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों के लिए क्या रुख अपनाती है।