बिलासपुर न्यूज़ |
छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग ने दो शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है। एक शिक्षक पर 11वीं की छात्रा के साथ अनैतिक व्यवहार का गंभीर आरोप है, जबकि दूसरे मामले में एक महिला सहकर्मी के साथ लगातार छेड़छाड़ और मानसिक उत्पीड़न की पुष्टि जांच में हुई है।
पहला मामला: छात्रा से अनैतिक हरकत, आरोपी व्याख्याता जेल में
बिलासपुर जिले के एक सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ व्याख्याता कल्याण कुमार भोई पर एक नाबालिग छात्रा के साथ अनुचित व्यवहार का आरोप लगा।
छात्रा के परिजनों की शिकायत के बाद कोटा थाना पुलिस ने POCSO एक्ट और भारतीय न्याय संहिता की धारा 74 (BNS) के तहत एफआईआर दर्ज की। पुलिस ने 29 मार्च को आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया।
चूंकि वह 48 घंटे से ज्यादा जेल में रहा, इसलिए शिक्षा विभाग ने सेवा नियमों के तहत उसे निलंबित कर दिया। फिलहाल निलंबन अवधि में उसका मुख्यालय BEO तखतपुर कार्यालय में रखा गया है।
दूसरा मामला: महिला सहकर्मी से दुर्व्यवहार, जांच में आरोप सही पाए गए
दूसरी घटना में, एक प्राथमिक कन्या शाला के प्रधानपाठक मनोज कुमार अनंत पर एक महिला शिक्षक ने बार-बार छेड़छाड़ और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए थे।
यह शिकायत स्कूल प्राचार्य और BEO कोटा के माध्यम से वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची। मामले की जिला स्तरीय जांच समिति ने आरोपों को सत्यापित किया। इसके बाद, छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के उल्लंघन के आधार पर मनोज अनंत को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
उनका मुख्यालय अब शासकीय हाई स्कूल तेंदुआ में निर्धारित किया गया है।
शिक्षा विभाग की सख्त चेतावनी: अब नहीं चलेगा अनुशासनहीनता का खेल
इन दोनों मामलों में तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश पर कार्रवाई हुई है। शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि छात्रों और महिला कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और अनुशासनहीनता या दुर्व्यवहार पर अब जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी।