सीजी भास्कर, 26 जुलाई |
बिलासपुर का बहुप्रतीक्षित बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकारों की खींचतान में उलझ गया है। एयरपोर्ट के रनवे विस्तार और नाइट लैंडिंग जैसी बुनियादी सुविधाओं को लेकर काम ठप पड़ा है, जिस पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है।
हाईकोर्ट का सरकारों को दो टूक: “तो कह दीजिए कि आप कुछ नहीं कर पाएंगे”
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बी.डी. गुरु की डिवीजन बेंच ने केंद्र और राज्य सरकार दोनों के सुस्त रवैये पर सख्त नाराज़गी जताई। कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा:
“आप एक बयान जारी कर दीजिए कि सरकार इस पर कोई काम नहीं कर पाएगी, हम पीआईएल खत्म कर देते हैं। शायद बिलासपुर का भाग्य किसी नई सरकार के आने पर जगेगा।”
इन सुविधाओं का है इंतजार
- नाइट लैंडिंग सुविधा – रात में फ्लाइट संचालन ठप रहता है।
- रनवे विस्तार – वर्तमान रनवे छोटा है, जिससे बोइंग जैसे बड़े विमान लैंड नहीं कर पाते।
- कन्वेयर बेल्ट और यात्री हॉल – यात्रियों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं।
कहां और क्यों अटका काम?
- 286 एकड़ जमीन रनवे विस्तार के लिए चिन्हित की गई है।
- रक्षा मंत्रालय को पहले ही 90 करोड़ मुआवजा दिया जा चुका है।
- फिर भी जमीन हस्तांतरण की औपचारिक मंजूरी केंद्र से नहीं मिली है।
- राज्य सरकार कह रही है कि पहले जमीन उनके नाम की जाए, तभी आगे कार्य होगा।
कोर्ट में पेश तस्वीरों पर चीफ जस्टिस भड़के
राज्य सरकार ने प्रगति दिखाने के लिए कुछ तस्वीरें कोर्ट में पेश कीं, जिन्हें देखकर चीफ जस्टिस ने कहा:
“क्या दिख रहा है? एक गाड़ी खड़ी है, कुछ लोग खड़े हैं। ये कार्य प्रगति पर है? ज़रा हमें भी दिखाइए।”
कोर्ट ने मुख्य सचिव और रक्षा सचिव से मांगा जवाब
कोर्ट ने इस मुद्दे को गंभीर मानते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव और रक्षा सचिव को शपथ-पत्र के साथ विस्तृत जवाब देने का निर्देश दिया है। साथ ही पूछा गया कि जब रक्षा मंत्रालय ने पहले ही अनुमति दे दी थी, तो फिर अब अड़चन क्यों?
कोर्ट में लंबित है दो जनहित याचिकाएं
बिलासा देवी एयरपोर्ट को 3C से 4C कैटेगरी में अपग्रेड करने, नाइट लैंडिंग, और मेट्रो शहरों से सीधी उड़ानों की मांग को लेकर दो जनहित याचिकाएं वर्षों से लंबित हैं।
- एयरपोर्ट शुरू हुए चार साल बीत चुके हैं, लेकिन आधारभूत सुविधाएं अब भी अधूरी।
- साल 2023 में ज़मीन अधिग्रहण और भुगतान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी।
- बावजूद इसके, एयरपोर्ट अब भी सीमित उड़ानों और सुविधाओं तक सिमटा हुआ है।