सीजी भास्कर, 26 जुलाई : सरकार ने संसद में बताया कि देश में 2019 से 2023 तक हाथियों के हमलों में 2,800 से अधिक लोगों की जान चली गई। एक प्रश्न के उत्तर में पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2019-20 और 2023-24 के बीच हाथियों के हमलों में सर्वाधिक 624 लोगों की मौत ओडिशा में हुई। हाथियों के हमले में झारखंड में 474, बंगाल में 436, असम में 383 और छत्तीसगढ़ में 303 लोग मारे गए।
हाथियों के हमलों से होने वाली वार्षिक मौतों में लगातार वृद्धि हो रही है, जो 2019-20 में 595 से बढ़कर 2023-24 में 629 हो गई है। 2020 और 2024 के बीच बाघों के हमलों में 378 लोगों की जान चली गई। इस अवधि के दौरान महाराष्ट्र में बाघों के हमलों में सबसे अधिक 218 मौतें। बाघों के हमलों में उत्तर प्रदेश में 61 और मध्य प्रदेश में 32 लोग मारे गए। मंत्री ने यह भी कहा कि पर्यावरण मंत्रालय राष्ट्रीय स्तर पर जंगली जानवरों के कारण पशुधन और फसल को होने वाले नुकसान के आंकड़े संकलित नहीं करता है।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 62 के तहत जानवरों को हिंसक पशु घोषित करने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय ने 23 अप्रैल, 2020 के राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से हिमाचल प्रदेश में रीसस मकाक बंदरों को एक वर्ष के लिए हिंसक पशु घोषित किया था। उन्होंने कहा कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 में संशोधन का कोई प्रस्ताव नहीं है।