मुंबई/वसई, 29 जुलाई
महाराष्ट्र में एक बार फिर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने अवैध निर्माण और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। मंगलवार सुबह ईडी की टीमों ने वसई, नासिक और पुणे में एकसाथ 12 लोकेशनों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई वसई-विरार म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (VVMC) के क्षेत्र में हुए अनधिकृत कंस्ट्रक्शन और उससे जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत की गई है।
पूर्व नगर आयुक्त अनिल कुमार पवार के ठिकानों पर रेड
सूत्रों के अनुसार, ईडी की टीम ने वसई-विरार नगर निगम के पूर्व आयुक्त अनिल कुमार पवार के घर और उनके आधिकारिक परिसरों पर दस्तावेज़ों की गहन जांच की है। खास बात यह है कि सोमवार को ही उन्होंने VVMC के आयुक्त पद से विदाई ली और अगले ही दिन उनके ठिकानों पर ईडी की दबिश पड़ गई।
60 एकड़ आरक्षित जमीन पर 41 अवैध इमारतें
प्रवर्तन निदेशालय को शक है कि वसई के सीवेज ट्रीटमेंट और डंपिंग ग्राउंड के लिए आरक्षित 60 एकड़ जमीन पर अवैध रूप से 41 बहुमंजिला इमारतें खड़ी कर दी गईं। बताया जा रहा है कि यह पूरा मामला करोड़ों की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है, जिसमें बिल्डरों, आर्किटेक्ट्स और कुछ निगम अधिकारियों की मिलीभगत की जांच चल रही है।
ED पहले भी कर चुकी है बड़ी कार्रवाई
इस केस में ईडी पहले भी कार्रवाई कर चुकी है। कुछ महीने पहले एजेंसी ने 13 लोकेशनों पर छापे मारकर करीब 9 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। उस वक्त एक नामी बिल्डर, एक आर्किटेक्ट और VVMC के अधिकारी वाई.एस. रेड्डी भी जांच के घेरे में आए थे।
नई पोस्टिंग के कुछ घंटों बाद ही रेड
खास बात यह है कि सोमवार को ही VVMC के नए आयुक्त मनोज कुमार सूर्यवंशी ने कार्यभार संभाला और चंद घंटों बाद ही यह रेड शुरू हो गई। इससे यह भी सवाल उठने लगे हैं कि क्या यह कार्रवाई लंबे समय से प्लान की जा रही थी?
सरकार का रुख सख्त, भ्रष्टाचार के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक
मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामलों में केंद्र सरकार और ईडी का रुख लगातार सख्त होता जा रहा है। महाराष्ट्र में शहरी विकास से जुड़े इस घोटाले पर एजेंसी की पैनी नजर बनी हुई है। ईडी अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में और भी खुलासे हो सकते हैं।