बिलासपुर। पंचायत में वर्षों से चल रहे भ्रष्टाचार को उजागर करना एक एलएलबी छात्र को इतना भारी पड़ गया कि न सिर्फ़ उस पर खुलेआम हमला हुआ, बल्कि पुलिस ने उसी को आरोपी बना दिया। यह मामला बिल्हा थाना क्षेत्र के ग्राम मोहतरा से सामने आया है, जहां छात्र रंजेश सिंह को दबंगों ने पीटा और फिर पुलिस ने उल्टा उसी पर एट्रोसिटी एक्ट समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर दिया।
ग्रामसभा में भ्रष्टाचार का दस्तावेजी खुलासा
सोमवार को हुई ग्रामसभा में रंजेश सिंह बतौर अध्यक्ष शामिल हुए थे। रंजेश ने पंचायत में बीते 10 सालों से हो रहे कथित घोटालों की पोल खोलते हुए कहा कि:
- 49 हजार रुपये में 2000 लीटर की पानी टंकी खरीदी गई, लेकिन न टंकी कहीं नजर आई और न ही विक्रेता की कोई दुकान।
- 8 लाख रुपये का सामूहिक शौचालय महज 3.5 लाख में ही बन गया, बाकी पैसा कहां गया, कोई जवाब नहीं।
- अधिकांश निर्माण भुगतान एक ही व्यक्ति के नाम पर दिखाए गए, जिसके पास न तो जीएसटी बिल है और न ही पंजीकृत व्यवसाय।
भाजपा नेता के समर्थकों पर हमला करने का आरोप
जैसे ही भ्रष्टाचार का मामला सामने आया, गांव के उपसरपंच और भाजयुमो मंडल अध्यक्ष इंद्रजीत क्षत्रिय कथित तौर पर भड़क उठे। आरोप है कि उन्होंने अपने समर्थकों के साथ मिलकर रंजेश को पंचायत कार्यालय में पीटा और जब छात्र शिकायत लेकर थाने पहुंचा, वहां भी हमला किया गया।
पुलिस ने पीड़ित पर ही दर्ज किया केस
चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने इस पूरी घटना में खुद रंजेश सिंह पर ही केस दर्ज कर लिया है। उस पर लगे आरोप हैं:
- SC-ST एक्ट की धारा 3(1)(द), 3(1)(ध)
- भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएं 391, 351, 115, 296
जबकि हमलावरों पर सिर्फ़ हल्की धाराएं — 115, 296, और 192 लगाई गईं।
पूर्व मंत्री ने जताई नाराज़गी
घटना की सूचना मिलने पर पूर्व शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने आईजी डॉ. संजीव शुक्ला से बात की और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा,
“एक छात्र जिसने हिम्मत दिखाकर पंचायत की लूट को उजागर किया, उसे ही आरोपी बना देना शर्मनाक है। निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।”