रायपुर/नारायणपुर,
बस्तर की धरती से एक नई उम्मीद की कहानी निकलकर सामने आई है। नारायणपुर जिले की दो आदिवासी बेटियाँ – मोनिका कुमेटी और गीतिका उसेंडी ने छत्तीसगढ़ अंडर-15 गर्ल्स क्रिकेट स्किल और ट्रेनिंग कैंप में जगह बनाकर जिले का मान बढ़ाया है। यह कैंप राजधानी रायपुर में आयोजित हो रहा है, जो राज्य टीम चयन की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
चैलेंजर ट्रॉफी होगी निर्णायक
यह स्किल कैंप खिलाड़ियों को तकनीकी प्रशिक्षण देने और उनका मूल्यांकन करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। इस कैंप के बाद चैलेंजर ट्रॉफी खेली जाएगी, जिसमें शानदार प्रदर्शन करने वाली प्रतिभागी छत्तीसगढ़ की अंतिम अंडर-15 महिला क्रिकेट टीम में चयनित की जाएंगी।
मोनिका का लगातार दूसरा चयन – मेहनत और समर्पण की कहानी
मोनिका कुमेटी के लिए यह सफलता नई नहीं है। बीते वर्ष भी उन्होंने अंडर-15 राज्य टीम में जगह बनाई थी और अपने खेल से चयनकर्ताओं को प्रभावित किया था। इस बार उनका दोबारा चयन यह साबित करता है कि वे न सिर्फ प्रतिभाशाली हैं बल्कि निरंतर अभ्यास और अनुशासन के बलबूते खुद को साबित कर रही हैं।
खेल विभाग और जिला क्रिकेट संघ ने दी बधाई
नारायणपुर के खेल एवं युवा कल्याण विभाग और जिला क्रिकेट संघ ने मोनिका और गीतिका को बधाई दी है। साथ ही उम्मीद जताई है कि इनकी सफलता अन्य ग्रामीण और आदिवासी बेटियों को भी खेल के क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रेरित करेगी।
बदल रहा बस्तर – अब प्रतिभा की पहचान बन रही है
नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में पहचाने जाने वाला नारायणपुर, अब खेल प्रतिभा के दम पर अपनी अलग पहचान बना रहा है। अबुझमाड़ जैसे सुदूर इलाकों से निकलकर बेटियाँ क्रिकेट जैसे प्रोफेशनल खेलों में अपना भविष्य संवार रही हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि सही दिशा और मौके मिलें तो कोई भी पृष्ठभूमि बाधा नहीं बनती।