सीजी भास्कर 1 अगस्त। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार रात लगभग 10:30 बजे एक फर्जी कॉल सेंटर पर छापेमारी की, जो गुरुवार सुबह तक जारी रही।
शुरुआती जांच में सामने आया है कि इस गिरोह ने 2016 से लेकर 2025 तक विदेश में बैठे लोगों को कॉल कर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी को अंजाम दिया है। (नई दिल्ली)
दिल्ली के खानपुर इलाके में एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। ईडी ने दिल्ली के तीन अलग-अलग स्थानों पर एक साथ रेड की है और यह कार्रवाई अब भी चल रही है।
सूत्रों के अनुसार, गिरोह हाई-प्रोफाइल लोगों और विदेशी नागरिकों को निशाना बनाकर खुद को बैंक या टेक्निकल सपोर्ट एजेंट बताता था और उनसे निजी वित्तीय जानकारी हासिल कर मोटी रकम उड़ा लेता था।
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
दिल्ली में फर्जी कॉल सेंटर का यह पहला मामला नहीं है। जुलाई 2025 में भी दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे ही अवैध कॉल सेंटर का खुलासा किया था, जिसमें 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
इन आरोपियों पर बैंक अधिकारी बनकर देश भर के सैकड़ों लोगों से धोखाधड़ी करने का आरोप था। पुलिस को उनके खिलाफ 100 से अधिक शिकायतें मिली थीं और कुल 40 लाख से ज्यादा की ठगी का खुलासा हुआ था।
इस केस में एक पीड़ित संजय कुमार ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके क्रेडिट कार्ड से किसी ने ₹33,000 की धोखाधड़ी की है।
आरोपी ने खुद को कस्टमर केयर अधिकारी बताते हुए कार्ड की लिमिट बढ़ाने का झांसा दिया और ओटीपी लेकर पैसे उड़ा लिए।
पुलिस का खुलासा: ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
एएसपी शुभम सिंह के अनुसार,
आरोपी पीड़ितों को फोन करके खुद को बैंक अधिकारी बताते थे। ये लोग क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने या तकनीकी सहायता के नाम पर ओटीपी लेते और फिर उसे इस्तेमाल कर रकम को अलग-अलग डिजिटल वॉलेट में ट्रांसफर कर देते थे। अंततः पैसे को स्थानीय कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के जरिए नकद निकाला जाता था।
पकड़े गए आरोपियों में प्रदीप, मोहित, वीरेंद्र, रोहित, साक्षी, सुशबू, अविष्का, साहिल, साहिब, आयुष और नितिन शामिल हैं — सभी दिल्ली निवासी हैं और लंबे समय से इस अवैध कारोबार में लिप्त थे।
ED की रेड और आगे की कार्यवाही
ईडी इस पूरे मामले में मनी लॉन्ड्रिंग, हवाला नेटवर्क और अंतरराष्ट्रीय बैंक खातों की जांच कर रही है। अब तक मिले डिजिटल सबूत और दस्तावेजों से ये साफ हो गया है कि यह कॉल सेंटर एक संगठित गिरोह के तहत चल रहा था, जिसका नेटवर्क देश के बाहर तक फैला है।
सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं और कुछ बैंक अधिकारियों या डिजिटल पेमेंट कंपनियों की भूमिका भी शक के घेरे में है।