रायपुर। छत्तीसगढ़ के शासकीय मेडिकल कॉलेजों में लंबे समय से चली आ रही फैकल्टी की कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 125 सहायक प्राध्यापकों (Assistant Professors) की सीधी भर्ती के लिए छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) को औपचारिक प्रस्ताव भेज दिया है।
इस प्रक्रिया को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देशन में तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है। यह भर्ती प्रारंभिक स्वीकृति के अनुसार की जा रही है ताकि भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और शीघ्र पूरी हो सके।
क्यों ज़रूरी थी यह भर्ती?
प्रदेश में मेडिकल शिक्षा प्रणाली इस समय शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रही है। मौजूदा आंकड़ों पर नज़र डालें तो स्थिति चिंताजनक है:
- प्रोफेसर पद: 241 स्वीकृत, 117 रिक्त
- एसोसिएट प्रोफेसर पद: 399 स्वीकृत, 196 रिक्त
- असिस्टेंट प्रोफेसर पद: 644 स्वीकृत, 332 रिक्त
- सीनियर रेजिडेंट: 518 में से 375 खाली
- जूनियर रेजिडेंट: 502 में से 209 रिक्त
इसके अतिरिक्त, कई कॉलेजों में प्रदर्शक, रजिस्ट्रार और सीनियर रजिस्ट्रार के पद भी खाली हैं।
क्या होगा इस फैसले से फायदा?
- छात्रों को मिलेगा विशेषज्ञ फैकल्टी का मार्गदर्शन
- शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार
- कॉलेजों में शिक्षण व्यवस्था होगी अधिक सुचारू
- भविष्य के डॉक्टरों को मिलेगा बेहतर शैक्षणिक वातावरण
इस नई भर्ती के बाद प्रदेश के मेडिकल छात्रों को पढ़ाई में जिस शैक्षणिक मार्गदर्शन की कमी महसूस हो रही थी, वह पूरी हो सकेगी। साथ ही, प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की नींव भी और मजबूत होगी।
भर्ती प्रक्रिया कब शुरू होगी?
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि CGPSC द्वारा प्रक्रिया की शुरुआत जल्द ही की जाएगी। विभाग की मंशा है कि यह पूरी प्रक्रिया तेज़, पारदर्शी और मेरिट-आधारित हो ताकि योग्य उम्मीदवारों को समय पर नियुक्ति मिल सके।