सीजी भास्कर, 3 अगस्त। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी में करोड़ों रुपये के एबीसी केबल घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। रायपुर से गई जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि ठेकेदारों ने बिजली कंपनी के अधिकारियों की मिलीभगत से घटिया गुणवत्ता के केबल लगाए, जिससे बिजली आपूर्ति लगातार बाधित हो रही थी।
मामले में जांजगीर के कार्यपालन अभियंता एचके मंगेशकर और कोरबा के अभिमन्यु कश्यप को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा सहायक अभियंता नरेश देवांगन का तबादला बलौदा कर दिया गया है।
बिलासपुर और मुंगेली में जांच का कार्य अभी जारी है। बिजली मुख्यालय के अधिकारियों ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर भी जल्द ही कार्रवाई हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार रायपुर से भेजी गई 4 सदस्यीय कार्यपालन अभियंताओं की टीम ने बिलासपुर और मुंगेली में गहन जांच की। बिलासपुर के सेंदरी और मुंगेली स्टोर में रखे गए केबल, कंडक्टर और ट्रांसफार्मर के डीपी चैनल की जांच के बाद सैंपल एकत्रित कर दोनों स्टोर सील कर दिए गए।
रिपोर्ट में सामने आया कि ठेकेदारों ने ISI और BIS मानक की अनदेखी कर स्थानीय और घटिया ब्रांड के केबल लगाए। ये केबल मामूली गर्मी या नमी में ही पिघलने लगते हैं, जिससे बारिश के दौरान शॉर्ट सर्किट और फाल्ट की घटनाएं तेजी से बढ़ गईं।
घटिया आपूर्तिकर्ताओं पर भी सख्ती
कंपनी ने घटिया केबल सप्लाई करने वाले ठेकेदारों पर भी कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। दिल्ली की एथटी इलेक्ट्रिकल्स और जांजगीर के भुवनेश्वर साहू को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया है।
मुख्यालय ने इन फर्मों को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अलावा पुणे की एसटी इलेक्ट्रricals पर धीमी और खराब गुणवत्ता वाले काम को लेकर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि कई स्थानों पर केबल बिछाए बिना ही ठेकेदारों को भुगतान कर दिया गया था।
गुणवत्ता की परत-दर-पर जांच जारी
बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा और जांजगीर में घोटाले से संबंधित केबल की गुणवत्ता जांच अभी भी जारी है। बिलासपुर में 66.72 करोड़, कोरबा में 77 करोड़, और मुंगेली-पेंड्रा में 25.37 करोड़ रुपये की लागत से लगाए गए केबल की परीक्षण प्रक्रिया चल रही है। सेंदरी और मुंगेली स्टोर में सैंपलिंग और सीलिंग की गई है।
जांच दल में शामिल अधिकारियों में एमएम चंद्राकर, पीके सिंह, धर्मेंद्र भारती और नवीन राठी के साथ, अधीक्षण यंत्री पीआर साहू, कार्यपालन अभियंता हेमंत चंद्राकर और एमके पाण्डेय भी शामिल रहे।