रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर इन दिनों गंभीर जल संकट से गुजर रही है। डगनिया पानी टंकी से दो दिनों से पानी की आपूर्ति ठप रहने के कारण अश्विनी नगर, लाखे नगर, सुंदर नगर, मैत्री नगर सहित वार्ड 41 और 42 के 10 हजार से अधिक लोग प्यासे हैं। रविवार को गुस्साए नागरिकों ने डगनिया टंकी परिसर का घेराव कर निगम प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया। इस दौरान इलाके में तनाव का माहौल बन गया।
क्या है मामला?
जानकारी के अनुसार, डगनिया टंकी में पानी तो उपलब्ध है, लेकिन अमृत मिशन योजना के तहत बिछाई गई नई पाइपलाइन में तकनीकी गड़बड़ी के चलते सप्लाई नहीं हो पा रही है। शनिवार को लाइन फट गई थी, जिसे अस्थायी रूप से ठीक किया गया। लेकिन इसके बाद सप्लाई लाइन की वाल जाम हो गई, जिससे पूरे क्षेत्र में पानी की आपूर्ति पूरी तरह रुक गई।
पीने का पानी भी नहीं, नागरिक बेहाल
लगातार दो दिन से पानी नहीं मिलने के कारण घरों में पीने और नहाने तक के लिए पानी नहीं है। लोगों को बोरिंग और टैंकर से भी राहत नहीं मिल पाई। स्थानीय लोगों का कहना है कि गर्मी और उमस के बीच पानी का संकट असहनीय हो गया है।
प्रशासन ने दिए आश्वासन, नहीं मानी तो आंदोलन
निगम के जल विभाग ने रविवार रात तक मरम्मत पूरी कर सप्लाई बहाल करने का भरोसा दिया है। साथ ही ज़ोन-5 के जिम्मेदार कर्मचारियों और अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने की बात भी कही गई है। लेकिन नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि सोमवार सुबह तक सप्लाई शुरू नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।
निगम की सूचना प्रणाली पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर निगम ने पानी बंद होने की कोई पूर्व सूचना नहीं दी। यदि समय रहते सूचना मिल जाती तो वैकल्पिक व्यवस्था की जा सकती थी। निगम की इस लापरवाही से रविवार को मोहल्लों में हाहाकार मच गया।
जोन-5 की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में
बताया जा रहा है कि डगनिया टंकी जोन-5 के अंतर्गत आती है, लेकिन जल विभाग को ज़ोन-5 के अधिकारियों से कोई सहयोग नहीं मिला। रविवार को छुट्टी का हवाला देकर ज़्यादातर अधिकारी मौके से नदारद रहे, जिससे मरम्मत कार्य और भी देरी से शुरू हो पाया।