सीजी भास्कर, 4 अगस्त 2025 : प्रदेश के मेडिकल कालेजों व संस्थानों को सभी मरीजों का रिकार्ड रखना होगा। साथ ही अस्पतालों में मरीज पंजीकरण के साथ आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (एबीएचए) आइडी भी दर्ज करनी होगी। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने इस संबंध में आदेश के साथ मेडिकल कालेजों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
आयोग के जारी आदेश में कहा गया है कि कालेज सभी मरीजों का रिकार्ड रखेगा। सभी इन-पेशेंट रिकार्ड में यूनिट के फैकल्टी और सीनियर रेजिडेंट्स का नाम और हस्ताक्षर होने चाहिए, जिससे यह प्रमाणित हो कि उन्होंने मरीज को भर्ती कर इलाज किया। सभी जााच रिपोर्ट पर संबंधित विभाग के किसी फैकल्टी के हस्ताक्षर होने चाहिए।
इन दस्तावेजों का सत्यापन एनएमसी(Patient Record In Medical College) अपने नियमित मूल्यांकन के दौरान कर सकता है। यदि किसी भी समय मरीज के रिकार्ड फर्जी पाए जाते हैं, तो संबंधित फैकल्टी और कालेज व संस्थान के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने जून 2024 में जारी एक आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि इलाज के लिए मेडिकल कालेजों में आने वाले मरीजों का ई-रिकार्ड नहीं बनाया जा रहा है। कई कालेजों में मरीजों की आभा आइडी भी नहीं बन रहा है।
आभा आइडी का निर्माण एक बहुत ही सरल प्रक्रिया है और इसे आधार कार्ड के साथ आसानी से किया जा सकता है। यह पहले ही बड़े पैमाने(Patient Record In Medical College) पर लोगों तक पहुंचाया जा चुका है। हालांकि, आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि आभा आइडी नहीं होने पर मरीज को इलाज से वंचित नहीं किया जाएगा।